नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजनीति में जिला विकास परिषदों (DDC Election) के चुनावों के परिणाम नए रास्ते खोलने की तरफ इशारा कर रहे हैं। इन डी.डी.सी. चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 70 साल के संघर्ष के बाद कश्मीर में अपना खाता खोल लिया है जिसमें सबसे आतंकग्रस्त पुलवामा जिले का काकापोरा भी शामिल है।
जिला विकास परिषद के चुनावों में कश्मीर की आवाम ने ‘गुपकार गठबंधन’ को अपना वोट दिया है जबकि जम्मू संभाग के अधिकांश सीटों पर ‘कमल’ को ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं ने अपना वोट को दिया है। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इससे बड़ा संदेश जा रहा है।
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ऐसे रहे नतीजे डीडीसी चुनावों में भाजपा 74 सीटों के साथ सबसे आगे है। वहीं, गुपकार गठबंधन में शामिल नेकां को 67, पीडीपी को 27, अपनी पार्टी-12, पीपुल्स कांफ्रेंस-8, पीपुल्स मूवमेंट-03 सीटें मिली हैं। वहीं, कांग्रेस-26, बसपा-01 व पैंथर्स एक सीट जीतने में सफल रही। निर्दलियों ने 39 सीटों पर कब्जा जमाया है।
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ऐसे बदली 5 अगस्त के बाद... 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए हटने के बाद घाटी में पहली बार हुए चुनाव ने कई अहम संदेश दिए हैं। धारा हटने के बाद राज्य में विभाजन और पतन के बीच खास स्थितियां समाप्त हो गई। कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों समेत पूरे विपक्ष के निशाने केंद्र की मोदी सरकार पर रही। शुरुआत में सियासी दलों ने इसमें हिस्सा लेने से ही इनकार कर दिया। लेकिन बाद में इन्हीं पार्टियों ने राजनीतिक अस्तित्व के चलते यूटर्न लिया और बीजेपी के सामने गुपकार गठबंधन बनाया। कह सकते हैं कि 5 अगस्त के बाद घाटी में राजनीति की फिजा बदल गई।
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विकास पर ध्यान दिया केंद्र सरकार ने 370 हटाने के बाद घाटी में बदलाव की शुरुआत की। शुरूआत इसी साल हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की व्यवस्था को लागू करके किया गया। इस व्यवस्था से जनता के मन में विकास की नई उम्मीद जागी। रोजगार से लेकर संपत्ति खरीदने और कारोबार के लिए लोगों के मन में उम्मीदें बंध गईं।
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इस आधार पर हुई वोटिंग उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने केंद्र शासित प्रदेश को "दो आंखें" कहा भले ही जम्मू डिवीजन और कश्मीर डिवीजन अलग-अलग हुए लेकिन वो इसी रूप में उन्हें संदर्भित करते हैं। वहीँ, जम्मू ने अपनी धार्मिक रचना के आधार पर मतदान किया है। खास कर हिंदू क्षेत्रों में भगवा पार्टी के लिए भारी मतदान हुआ है। जबकि मुस्लिम इलाकों में गुपकर गठबंधन को जीत मिली। नेशनल कांफ्रेंस ने मतदाताओं से अपील की जिसके बाद यह जम्मू डिवीजन में तीन डीडीसी - राजौरी, रामबन और किश्तवाड़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी।
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