Monday, May 29, 2023
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रेलवे के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, एक यात्री के लिए चलाई गई इतने KM राजधानी एक्सप्रेस

  • Updated on 9/4/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय रेलवे (Railway) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक यात्री के लिए ट्रेन ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की हो। ऐसा टाना भगतों के आंदोलन से डाल डालटनगंज स्टेशन पर फंसी राजधानी एक्सप्रेस में सवार अनन्या की जिद की वजह से हुआ है। जब उन्होंने जिद पकड़ी तो रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए। अनन्या का कहना था कि वह जाएंगी तो राजधानी एक्सप्रेस से ही अगर बस से जाना होता तो ट्रेन का टिकट क्यों लेती, बस से सफर कर रांची आती उन्होने कहा, टिकट रजधानी एक्सप्रेस का है तो इसी से जाऊंगी।

ट्रेन में अनन्या इकलौती सवारी थी जिसे रांची तक राजधानी एक्सप्रेस में अकेले भेजा गया, राजधानी एक्सप्रेस शाम करीब 4 बजे डालटनगंज से ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची के लिए रवाना करना पड़ा, जिसके बाद रात करीब 1:45 बजे ट्रेन रांची रेलवे स्टेशन पहुंची।

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मुगलसराय से रांची जा रही थी अनन्या
बता दें कि ट्रेन में सवार 930 यात्रियों में से 929 यात्रियों को रेलवे ने डालटनगंज से बसों में गंतव्य की ओर पहले ही रवाना कर दिया था। लेकिन अनन्या जिद पकड़ कर बैठ गई कि वे जाएंगी तो राजधानी ट्रेन से ही जाएंगी। ऐसे में रेलवे के इतिहास में पहली बार राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किलोमीटर की दूरी तय करके एक यात्री को उसके गंतव्य स्थान पर पहुंचाया है।

इस घटना को लेकर डालटनगंज रेलवे स्टेशन के प्रबंधक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि वह मुगलसराय से रांची के लिए नई दिल्ली रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में सवार हुई थी, अनन्या ट्रेन की कोच 3 में सवार थी और उनका सीट नंबर 51 था। अनन्या रांची के एचईसी कॉलोनी की रहने वाली है और बीएचयू में एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं।

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ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के कारण बसों से भेजे गए यात्री
अधिकारी ने बताया कि लातेहार जिला स्थित तोड़ी में टाना भक्तों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से डालटनगंज में ट्रेन को रोकना पड़ा। अधिकारियों को पहले लगा कि यह आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ट्रेन को रांची के लिए रवाना कर दिया जाएगा। लेकिन आंदोलन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। ऐसे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इसकी जानकारी दी गई और सभी यात्रियों को बसों से रांची के लिए रवाना किया गया।

इसी ट्रेन में अनन्या थी, रेलवे ने अनन्या के सामने कार से रांची भेजने का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन अनन्या नहीं मानी उन्होंने जिद पकड़ी थी कि वे जाएंगी तो राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएंगी। सभी बातों की जानकारी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को दी गई, विचार विमर्श के बाद रेलवे ने सुरक्षा के साथ अनन्या को राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजा।

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गोमो और बोकारो से होते हुए रांची रवाना हुई ट्रेन
लातेहार जिला स्थित टाना भक्तों के आंदोलन के कारण ट्रेन को डालटनगंज से सीधे रांची ना ले जाकर ट्रेन को गोमो और बोकारो से होते हुए रांची रवाना करना पड़ा। अनन्या के सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की कई महिलाएं तैनात की गई थी, एकअधिकारी ने बताया कि उनके 25 वर्ष के कार्यकाल के दौरान ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई।

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यात्री ने बताई उपनी परेशानी
वहीं गोमो स्टेशन पर अनन्या ने बताया कि डालटनगंज में पहले तो ट्रेन घंटों खड़े रही, रेलवे ने कुछ खटारा टाइप की बस दिखा कर इससे जाने को कहा, यात्री को रांची तक पहुंचाना रेलवे की जिम्मेदारी है। वह अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। अन्नया ट्रेन में बैठी रही। सभी रेलवे के लोग तो कभी कुछ यात्री अंदर आकर मुझे उतारने की कोशिश करने लगे और कहा कि जीद छोड़ो, सिर्फ आपके लिए ट्रेन नहीं चलेगी। लेकिन मैंने हार नहीं मानी और साफ कह दिया कि मुझे गंतव्य तक पहुंचना है। इसके बाद शाम को ट्रेन खुली। अनन्या ने कहा कि पूरा मामला मिसमैनेजमेंट का है, रात में अनाउंस किया गया था कि ट्रेन डालटनगंज होकर नहीं जाएगी, साथ ही अन्नया ने ट्रेन की रफ्तार सफाई बंदोबस्त और खानपान पर भी सवाल उठाए।

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