नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने कहा है कि भारत, बांग्लादेश और नेपाल में लगभग एक करोड़ 60 लाख बच्चों को वहां आईं ‘विनाशकारी’ बाढ़ के कारण जीवन-रक्षक मदद की तत्काल जरूरत है।
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दक्षिण एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की क्षेत्रीय निदेशक जीन गोग ने कहा कि इन विनाशकारी बाढ़ों के कारण लाखों बच्चों की जान चली जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चें अपने घरों, स्कूलों और यहां तक कि अपने मित्रों को भी खो देते है। यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है जब बारिश जारी रहती है और बाढ़ का पानी दक्षिण की ओर बढ़ जाता है।
नेपाल, भारत और बांग्लादेश में कई सप्ताह तक होने वाली मूसलाधार मानसूनी बारिश और विनाशकारी बाढ़ से लाखों बच्चों और परिवारों का जीवन तहस-नहस हो जाता है। यूनिसेफ का अनुमान है कि लगभग एक करोड़ 60 लाख बच्चों को और उनके परिवारों को तत्काल जीवन-रक्षक मदद की जरूरत हे। अगस्त के मध्य से कम से कम 1,288 लोगों की मौत होने की खबर है।
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संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि सड़कों, पुलों, रेलवे स्टेशनऔर हवाई अड्डों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई इलाके पहुंच से बाहर बने रहते हैं। बच्चों के लिए स्वच्छ जल, बीमारी के फैलने से रोकने के लिए जरूरी सामान और बाढ़ के बाद बच्चों को जिन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है वहां उनके खेलने के लिए सुरक्षित स्थान तत्काल उपलब्ध कराये जाने की जरूरत है।
भारत में बाढ़ से देश के उत्तरी हिस्से के चार राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और इनमें लगभग एक करोड़ 20 लाख बच्चों समेत तीन करोड़ दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें 805,183 मकान या तो आशिंक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए तथा 15,455 स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए। इससे करीब 10 लाख छात्रों की शिक्षा बाधित हुई है। मुम्बई में भारी बारिश के डूबने से कम से कम पांच लोगों की मौत हुई तथा मकान ढहने के कारण दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गयी।
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भारत के प्रभावित राज्यों में राज्य सरकारें राहत एवं बचाव अभियान चलाद रही हैं और लोगों का पुनर्वास कर रही हैं। राज्य सरकारों के अनुरोध पर यूनिसेफ सबसे प्रभावित राज्यों असम, बिहार और उत्तर प्रदेश में बहु्-क्षेत्रीय योजना और सहयोग उपलब्ध करा रहा है। बिहार में 98 लाख लोगों तक स्वच्छ पेयजल और हाथ धोने संबंधी विषयों पर जीवन रक्षण सूचना पहुंचायी गयी।
बांग्लादेश में बाढ से 80 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए जिनमे 30 लाख बच्चें शामिल हैं। इससे 696,169 मकानों के क्षतिग्रस्त होने या नष्ट होने का अनुमान है। बाढ़ से 2,292 प्राथमिक तथा सामुदायिक स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए। देश में जल-जनित बीमारियों के 13,035 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
नेपाल में 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित है जिनमे छह लाख 80 हजार बच्चें शामिल हैं। बाढ के कारण 3,52,738 लोग बेघर हो जाते है। इससे 1,85,126 मकान क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाते है। इसके अलावा 1,958 स्कूल भी क्षतिग्रस्त हुए। इससे 2,53,605 बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई।
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