Sunday, Mar 26, 2023
-->
foreign minister jaishankar said attack on pakistan and china, said this

विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला पाकिस्तान और चीन पर हमला, कही ये बात

  • Updated on 1/3/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका के मद्देनजर पाकिस्तान को ‘आतंक का केंद्र' करार देने संबंधी अपनी टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह इससे भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे। उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया को आतंकवाद को लेकर चिंतित होने की जरूरत है।

पाकिस्तान को अक्सर ‘आतंकवाद का केंद्र' बताने वाले जयशंकर ने आस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ‘ओआरएफ' को साक्षात्कार के दौरान इसकी (आतंकवाद) निंदा नहीं करने को लेकर यूरोपीय देशों की आलोचना की जो दशकों से जारी है। जयशंकर ने कहा कि आप एक राजनयिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा फिरा कर कहें । उन्होंने कहा, ‘ मैं ‘केंद्र' से अधिक कड़े शब्दों का उपयोग कर सकता था। इसलिये विश्वास करें कि जो कुछ हमारे साथ घट रहा है, उसको देखते हुए केंद्र अधिक राजनयिक शब्द है।'

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के लिये ‘आतंकवाद का केंद्र' शब्द के उपयोग पर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही । उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, ‘यह एक ऐसा देश है जिसने कुछ वर्ष पहले भारत की संसद पर हमला किया, जिसने मुम्बई शहर पर हमला किया, जो होटलों और विदेशी पर्यटकों तक गया और जो प्रतिदिन सीमापार से आतंकवादियों को भेजता है।'

जयशंकर ने कहा, ‘अगर दिन दहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां एवं वित्त पोषण हो रहा हो...तब वास्तव में आप बतायें कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी कि क्या हो रहा है ? खासतौर पर तब जब सैन्य स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो।' उन्होंने कहा, ‘इसलिये जब हम फैसले और सिद्धांतों की बात करते हैं, तो यूरोप इसकी कड़ी आलोचना क्यों नहीं करता, जो दशकों से चल रहा है।'

यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका से चिंतित होना चाहिए, इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि दुनिया को आतंकवाद के बारे में चिंतित होना चाहिए । मैं समझता हूं कि दुनिया को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि आतंकवाद जारी है और अक्सर दुनिया कहीं और देख रही है। दुनिया अक्सर यह सोचती है कि यह उसकी समस्या नहीं है क्योंकि यह किसी दूसरे देश में घट रही है।'

जयशंकर ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि दुनिया को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि वह कितनी गंभीरता एवं कितनी मजबूती के साथ आतंकवादियों की चुनौती को लेती है।' गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष अलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक स्थितियों पर ‘खुली और सार्थक' चर्चा की थी। दोनों पक्षों ने भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रवासन एवं यात्रा सुगमता सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

दो देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा था कि ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर सहित इस देश के नेताओं के साथ उनकी व्यापक बातचीत ‘हमारे संबंधों के साथ मौजूदा वैश्विक मुद्दों पर' ऑस्ट्रिया के दृष्टिकोण को समझने में बहुत मूल्यवान है।

पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने किसी देश का नाम लिये बिना कहा था, ‘चूंकि इसका केंद्र (आतंकवाद) भारत के काफी करीब स्थित है तो स्वाभाविक तौर पर हमारा अनुभव दूसरों के लिये उपयोगी हो सकता है।'

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.