Thursday, Jun 08, 2023
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former civil servants condemn law minister kiren rijiju remarks on judiciary in open letter

पूर्व लोकसेवकों ने खुले पत्र में न्यायपालिका पर कानून मंत्री रीजीजू की टिप्पणी की निंदा की

  • Updated on 3/30/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पूर्व लोकसेवकों ने बृहस्पतिवार को एक खुले पत्र में कानून मंत्री किरेन रीजीजू की उनकी कई टिप्पणियों के लिए आलोचना की और कहा कि नियुक्तियों की कॉलेजियम प्रणाली एवं न्यायिक स्वतंत्रता पर सरकार द्वारा एक ठोस हमला किया गया है। खुले पत्र पर 90 पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं। 

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इसमें कहा गया है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। पत्र में कहा गया, "हमने आज आपको विभिन्न अवसरों पर और हाल ही में 18 मार्च, 2023 को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में की गई टिप्पणियों के जवाब में लिखा है। उस दिन के आपके बयान नवीनतम हैं जो नियुक्ति की प्रणाली कॉलेजियम, भारत के उच्चतम न्यायालय और अंततः न्यायिक स्वतंत्रता पर सरकार द्वारा एक ठोस हमले के रूप में उभर रहा है। हम स्पष्ट रूप से इस हमले की निंदा करते हैं।" 

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इसमें कहा गया कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार है जो नियुक्तियों में अड़ंगा लगा रही है। ‘कॉस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप' के बैनर तले पूर्व लोकसेवकों द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नाम वर्षों से लंबित पड़े हैं, केवल अंत में बिना अनुमोदन के वापस करने के लिए...।'' 

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