पालमपुर/ गीतेश भृगु। अपनी बेबाक टिप्पणियों तथा स्पष्टवादिता के कारण राजनीति में विशिष्ट पहचान बनाने वाले भारतीय जनता पार्टी के प्रथम पीढ़ी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के पश्चात प्रथम राजनीतिक साक्षात्कार में एक बार फिर हार के कारणों तथा भाजपा की भूमिका को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी है।
प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भाजपा को ही उत्तरदायी ठहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को कांग्रेस ने नहीं हराया तथा यह गलतफहमी कांग्रेस को भी नहीं रखनी चाहिए। जो मान-सम्मान वाली स्थिति भारतीय जनता पार्टी की समूचे देश में है वही स्थिति हिमाचल में थी, परंतु भाजपा ने ही भाजपा को हरा दिया।
पालमपुर में हार के बाद सही समीक्षा नहीं की भाजपा के प्रमुख नेताओं को बैठना चाहिए तथा ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। पालमपुर नगर निगम के गठन के पश्चात तथा 4 उपचुनाव में मिली हार के पश्चात पार्टी ने हार के कारणों को लेकर सही ढंग से समीक्षा नहीं की। यदि सही ढंग से समीक्षा की होती तथा उचित निर्णय लिए होते तो पार्टी विधानसभा चुनाव में न हारती।
कुछ नेता और कुछ मंत्रियों की छवि खराब रही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं व कुछ मंत्रियों की छवि भी अच्छी नहीं थी। खुल्लम-खुल्ला आरोप लगते रहे, आरोपों में सच्चाई भी लगती रही। यह भी कारण रहा कि पार्टी चुनाव में हारी। कुछ नेता और कुछ मंत्रियों की छवि अधिक खराब रही जो हार का कारण बनी।
चिंतन बैठक करे प्रदेश भाजपा शांता ने कहा कि मेरा सुझाव है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर अब भाजपा के नेताओं को ङ्क्षचतन बैठक करनी होगी। जो व्यक्ति मर गया है या जो व्यक्ति अभी पैदा नहीं हुआ है उसे छोड़कर हर व्यक्ति गलती करता है, परंतु सबसे बड़ी गलती तब होती है जब व्यक्ति अपनी गलती को नहीं मानता। उपचुनाव में मिली हार के बाद यदि ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण कर निर्णय लिए होते तो यह परिस्थिति न उभरती। ऐसे में चिंतन बैठक कर समीक्षा करनी होगी।
जोड़- तोड़ की राजनीति करती है आहत शांता कुमार ने कहा कि जब वह 1951 में पार्टी में आए तो उसमें मूल्य आधारित राजनीति थी। अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि सरकार बनाने के लिए नहीं हम समाज बनाने के लिए आए हैं। बेईमानी से, छल-कपट से, दल-बदल से सरकारें तो बन जाएंगी परंतु समाज नहीं बन पाएगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी जिस कारण यहां पहुंची उस धरोहर को समाप्त न होने दें तथा जोड़-तोड़ से दूर रहें। यह छल-कपट की राजनीति मेरी पार्टी में नहीं दिखनी चाहिए, जहां कहीं-कहीं दिखती है तो मेरे जैसे पहली पीढ़ी के कार्यकत्र्ता को कष्ट होता है।
क्या पार्टी ने आपके सुझावों को नहीं माना? शांता कुमार ने कहा कि इस पर कुछ टीका टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। यदि ङ्क्षचतन बैठक में बुलाया जाता है तो भाग लूंगा तथा अपनी बात को प्रमुखता से रखने का प्रयास करूंगा।
भाजपा ईमानदारी से निभाए विपक्ष की भूमिका भाजपा ईमानदारी से विपक्ष की भूमिका निभाए, विरोध के लिए विरोध न करे। वहीं एकदम से आलोचना न की जाए। 5 वर्ष तक विपक्ष की भूमिका निभाते हुए जन भावनाओं का भाजपा सम्मान करे तथा संगठन तथा सरकार में जो कमियां रही हैं उन कारणों को दूर करने का प्रयास करे।
नई सरकार को अभी काम करने का अवसर मिलना चाहिए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि नई सरकार को अभी काम करने का अवसर दिया जाना चाहिए। एकदम से आलोचना नहीं करनी चाहिए। लोकतंत्र में जनता ने सरकार बनाने का जो जनमत दिया है उसका सम्मान किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सेवाभाव से कार्य करने तथा भ्रष्टाचार को सहन न करने की बात कही है। यह दोनों बातें महत्वपूर्ण हैं। हिमाचल के विकास की बात को सामने रखकर सरकार को काम करना चाहिए।
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