नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जलीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस राधाकृष्णन अपने खिलाफ उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही कार्यवाई को रुकवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे।
दरअसल न्यायाधीश राधाकृष्णन के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें उनसे पेटा पुरस्कार को लौटाने का कहा गया है। यह पुरस्कार उन्हें 2015 में जानवरों के हितों में काम करने वाली संस्था पेटा ने दिया था। राधाकृष्णन ने कहा है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्ति के बाद कोई पुरस्कार नहीं ले सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक और सिविल मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
हाल ही में जलीकट्टू के समर्थन में मद्रास उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में बताया गया है कि पूर्व न्यायाधीश राधाकृष्णन के अगुवाई में बनी पीठ ने पेटा और अन्य संगठनों की याचिका पर मई 2014 में जलीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध के बाद पेटा ने इन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया था।
इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खण्डपीठ ने राधाकृष्णन को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होनी है।
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