नई दिल्ली/मानव शर्मा। इन दिनों ब्रॉडकास्ट सेक्टर में हलचल मची हुई है, जिसका असर हर घर में देखने को मिल रहा है। हर कोई इसको समझने में लगा है कि अब टीवी को रिचार्ज करना है या नहीं, और अगर करना है तो कैसे करें इसकी शुरुआत, मगर आपके लिए ध्यान देने वाली बात है कि इन सभी परेशानियों का हल उपभोक्ता को छह दिनों के भीतर ही करना होगा।
क्योंकि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने ब्रॉडकास्ट सेक्टर को अपने उपभोक्ता को चैनल सिलेक्ट करने और उसी के पैसे देने का यह ऑप्शन केवल 29 दिसम्बर तक दे रखा है। इसके बाद आपके टीवी का कनेक्शन बंद कर दिया जाएगा।
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वहीं चैनल्स ने अपने दाम तय कर उपभोक्ता को उन्हें सिलेक्ट करने की छूट दी है। इसमें 100 चैनल्स फ्री टू एयर रखे गए हैं जो टैक्स लगाकर आपको 155 रुपये का पड़ेगा। इससे आपका टीवी देखना सस्ता होगा या नहीं यह आपका महीने का बजट ही बता सकेगा।
जो चैनल फ्री थे वो भी 130 रुपए ट्राई जो गाइडलाइन लागू करने जा रहा है वो एक जनवरी से लागू होगा और इससे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप क्या देखना चाहते हैं और क्या नहीं। इतना ही नहीं, आपको हर चैनल के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। साथ ही अब तक जो चैनल्स फ्री में उपलब्ध थे उनके लिए भी आपको कम से कम 130 रुपए महीना देना होगा।
100 चैनलों में ग्राहक की मर्जी के 65 फ्री टू एयर चैनल शामिल होंगे, इसमें दूरदर्शन के 23 चैनल, तीन म्यूजिक चैनल, तीन न्यूज चैनल और तीन मूवी चैनल शामिल होंगे। 29 दिसम्बर के बाद कोई भी ऑपरेटर या डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ग्राहकों पर जबरन पैकेज नहीं थोप सकेगी।
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पेड चैनल्स बढ़ाएंगे बिल इसी तरह नई गाइडलाइन्स के अनुसार उपभोक्ता को अब सिर्फ उस चैनल के पैसे देने होंगे जो वो देखना चाहता है। इसके तहत अगर आप स्टार, जी टीवी, कलर और सोनी सब का एक-एक चैनल भी देखना चाहते हैं तो आपको हर चैनल के लिए हर महीने 19 रुपए तक देने होंगे।
जबकि स्टार भारत के लिए 10 रुपए और एंड टीवी के 17 रुपए हर महीने लगेंगे। इस हिसाब से लगभग 200 रुपए इन चैनल्स के और 130 रुपए उन 100 चैनल्स के जो आप अब तक मुफ्त में देखते आ रहे थे। कुल मिलाकर हुए 330 रुपए और उसके ऊपर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।
ट्राई के आंकड़ों पर नजर डालें तो ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में टीवी इंडस्ट्री का वर्ष 2017 में रेवेन्यू तकरीबन 66 हजार करोड़ रुपए था। इनमें 358 ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों के देशभर में 867 टीवी चैनल व 309 पे-चैनल हैं। ये देश में 1469 एमएसओ और तकरीबन 60 हजार केबल ऑपरेटर्स व 6 डीटीएच कंपनियों के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं।
अगर आप लोकल केबल ऑपरेटर के उपभोक्ता हैं तो यहां भी आपको टीवी देखना सस्ता नहीं पड़ेगा। ट्राई द्वारा पूरे देश में लागू किए जाने वाले नए टैरिफ ऑर्डर को अब केबल ऑपरेटरों को भी लागू करना पड़ेगा।
अगर अभी आप केबल के लिए 250 से 300 रुपये महीने भर में खर्च करते थे, तो अब आपको लोकल केबल से 300 चैनल के लिए 1,040 रूपये देने होंगे। इसमें दस पेड चैनल के 235 प्लस 155 रुपये मिलाकर कुल 380 रुपये देने होंगे।
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लोकल केबल ऑपरेटर एसोसिएशन कर रही विरोध केबल ऑपरेटर्स ने इस नए टैरिफ ऑर्डर का विरोध शुरू कर दिया है। ऑल लोकल केबल ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष राम किशन तोमर ने कहा कि पूरे देश में जिस प्रकार से हड़ताल की जा रही है और जिस प्रकार से ट्राई ने ग्राहकों से उनका अधिकार पोस्ट पेड सेवा या प्रीपेड सेवा के चुनने का अधिकार खत्म कर दिया है और सभी केबल कंपनियों को ग्राहकों को जबरन प्रीपेड सेवा देने का अधिकार दे दिया।
उससे ग्राहकों को चैनल चुनने का अधिकार भी खत्म हो जाएगा और मजबूरी में उन्हें चैनलों का बुके खरीदना पड़ेगा और जिन चैनलों का रेट पहले 7 रुपए था उसके अब 23.30 रुपए देने होंगे और 100 फ्री टू एयर चैनलों के देने होंगे 130 और टैक्स के साथ यानी 154 रुपए देने होंगे।
देश भर के केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन इस टैरिफ ऑर्डर का विरोध कर रही है। संस्था के महासचिव नरेन्द्र बागड़ी ने कहा कि इसके विरोध में हम 26 दिसम्बर को जंतर-मंतर पर विरोध करेंगे। साथ ही अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो कोर्ट जाने की भी तैयारी हम कर रहे हैं।
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