पहले-पहल 1986 में स्थानीय अखबार में छपी थी ‘ठाकुर का कुंआ’ ओमप्रकाश वाल्मीकि की पहली पुस्तक ‘सदियों का संताप’ के प्रकाशन में अहम भूमिका निभाने वाले साहित्यकार विजय गौड़ बताते हैं कि ‘ठाकुर का कुंआ’ नवंबर-1986 में पहली बार देहरादून के एक स्थानीय दुभाषी अखबार ‘वैनगार्ड’ में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद जब 1989 में उनके ‘फिलहाल प्रकाशन’ से पुस्तक रूप में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कुछेक रचनाएं ‘सदियों का संताप’ में प्रकाशित हुईं, तो इसमें ‘ठाकुर का कुंआ’ प्रमुख थी। गौड़ ने मीडिया रिपोर्ट्स में ‘ठाकुर का कुंआ’ वर्ष-1981 में लिखे जाने को खारिज करते हुए बताया कि वाल्मीकि ने 1986 में ही इस कविता को लिखा था। इसका शीर्षक ‘ठाकुर का कुंआ’ वाल्मीकि के मित्र व कवि स्व. अवधेश ने सुझाया था।
कहानीकार के तौर पर ‘पंजाब केसरी’ से मिली शुरूआती पहचान
‘ठाकुर का कुंआ’-
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