Thursday, Mar 30, 2023
-->
gdp will be monitored in the economic review, this time the growth is expected to increase

आर्थिक समीक्षा में GDP पर रहेगी नजर, इस बार 9 फीसद तक वृद्धि का अनुमान

  • Updated on 1/31/2022

नई दिल्ली/नेशनल ब्यूरो। भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में 9 फीसद और 2022-23 यानि चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसद की वृद्धि अनुमानित है। हालांकि पिछली आर्थिक समीक्षा में जो डेटा दिया गया था, वह 11 फीसद वृद्धि के अनुमान का था। लेकिन अर्थव्यवस्था की स्थिति की जानकारी देने और नीतिगत नुस्खे सुझाने के लिए केंद्रीय बजट से पहले दी जाने वाली आर्थिक समीक्षा अक्सर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पूर्वानुमान पर चूक जाती है।

संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2021-22 के लिए आर्थिक समीक्षा लोकसभा में पेश करेंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार की जाने वाली बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा में सभी की निगाहें मुख्य तौर पर अगले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान पर रहती है। 2021-22 की आर्थिक समीक्षा को लेकर उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि का अनुमान लगभग नौ फीसदी रखा जाएगा। जनवरी, 2021 में पेश पिछली आर्थिक समीक्षा में 2021-22 के लिए 11 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान जताया गया था।

IPO की तैयारियों के बीच मोदी सरकार ने LIC के चेयरमैन का कार्यकाल बढ़ाया
हालांकि भारत के सांख्यिकीय मंत्रालय का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि केवल 9.2 प्रतिशत ही रहेगी। पूर्व में भी आर्थिक सर्वेक्षणों में दिए अनुमान वास्तविक धरातल पर गलत साबित होते रहे हैं। कोरोना महामारी आने से पहले 2018-19 में 7 से 7.5 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जो वास्तव में चार फीसद ही रही थी। नोटबंदी के बाद के साल 2017-18 में आर्थिक समीक्षा में दिए गए अनुमान से ज्यादा वृद्धि रही थी। जबकि 2018-19 और 2019-20 के अनुमान वास्तविकता से बहुत पीछे रहे थे।

पिछली आर्थिक समीक्षा में भी अर्थव्यवस्था में 6-6.5 फीसद तक की गिरावट का अनुमान लगाया गया था, लेकिन यह अनुमान कोविड महामारी का प्रकोप शुरू होने के पहले का था जो अंतत: 7.3 प्रतिशत रहा। मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है, फिर भी जीडीपी में 9 फीसद वृद्धि का अनुमान है। इसके पीछे केंद्र सरकार के कुछ आर्थिक सुधार कार्यक्रम और विनिवेश जैसे कदम को कारण बताया जा रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मार्च, 2020 के बाद देश में सख्त लॉकडाउन लगाने के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।

अडाणी ग्रुप की कंपनी को NCLT से मिली सरगुजा रेल कॉरिडोर के अधिग्रहण की मंजूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत का दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनना तय है। हालांकि सरकार ने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर रहे के वी सुब्रमण्यम का कार्यकाल पूरा होने पर उनकी जगह अर्थशास्त्री वी अनंत नागेश्वरन को दो महीने पहले ही नया मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) नियुक्त किया है। नए सीईए पुरानी टीम द्वारा बनाई गई आर्थिक समीक्षा को किस तरह आगे बढ़ाते हैं और नीति निर्धारण के सुझाव देते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

बजट सत्र भी रहेगा हंगामेदार
बजट सत्र का आयोजन ऐसे समय हो रहा है, जब पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी माहौल के चलते सत्र के दौरान हंगामे के पूरे आसार हैं। हालांकि शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ा था।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पेगासस जासूसी और पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ,कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसके साथ चल रहे गतिरोध, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, एयर इंडिया तथा दूसरी सरकारी कंपनियों के निजीकरण तथा किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।

राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होगा बजट सत्र
संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी। इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन वर्ष 2021-22 का आॢथक सर्वेक्षण और अगले दिन एक फरवरी को 2022-23 का बजट पेश करेंगी। सत्र में कुल 29 बैठकें होंगी, जिसमें पहले चरण में 10 और दूसरे चरण में 19 बैठकें होंगी।

संसद सत्र के सुचारू संचालन के लिये राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सोमवार को राजनीतिक दलों के सदनों में नेताओं के साथ बैठक करेंगे। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, कार्य मंत्रणा समिति की बैठक सोमवार 31 जनवरी को होगी।

बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 14 मार्च से शुरू होगा, जो आठ अप्रैल तक चलेगा। राष्ट्रपति का अभिभाषण 31 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे होगा। लोकसभा की बैठक एक फरवरी को सुबह 11 बजे से होगी और उस दिन आम बजट पेश किया जाएगा। दो फरवरी से लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे से रात नौ बजे तक चलेगी।  

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

comments

.
.
.
.
.