Friday, Mar 31, 2023
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OPD बंद है तो न हों परेशान, टेलीफोन के जरिए मिलेगा इलाज!

  • Updated on 3/29/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की आशंकाओं को देखते हुए राजधानी दिल्ली में ज्यादातर अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं या फिर उनके समय में कटौती की गई है। इसके कारण सामान्य और अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इसके कारण हृदय, न्यूरो और गैर संक्रमित बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज का सिलसिला भी प्रभावित है।

ऐसे में एम्स में नेशनल टेलीकंसल्टेशन सेंटर(कौनटेक) बनाया गया है जो ऐसे मरीजों के इलाज का जरिया बनेगा। शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स में इस सुविधा की शुरूआत की। उन्होंगे अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेजों के नोडल अधिकारियों और देश के अन्य एम्स के विशेषज्ञों से बातचीत की और कोरोना से संबंधित तैयारियों की समीक्षा भी की। कोविड-19 नेशनल टेलीकंसल्टेशन सेंटर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लागू अवधारणा है और इसे एम्स नई दिल्ली के जरिए लागू किया गया है।

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24*7 उपलब्ध होंगे डॉक्टर
डॉ. हर्षवर्धन ने इस सुविधा के तहत मरीजों के इलाज के लिए वास्तविक समय (रियल टाइम) में देशभर के डॉक्टरों को जोड़ने की सुविधा का भी संचलान किया। उन्होंने बताया कि इस सुविधा के तहत चिकित्सक सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध होंगे। बोर्डिंग और लॉजिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे चिकित्सकों को सुविधाएं बहाल करने में किसी तरह की दिक्कत न आए।

ये है इस सुविधा का लक्ष्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एम्स में इसे इसलिए स्थापित किया गया है ताकि छोटे राज्यों को भी एम्स में डॉक्टरों के बेहतरीन अनुभव का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए डॉक्टर दुनिया भर में अलग-अलग प्रोटोकॉल का उपयोग कर रहे हैं। इस सुविधा का लक्ष्य देश के डॉक्टरों को आपस में जोड़ना, आपस में प्रोटोकॉल के बारे में चर्चा करना और उसके अनुसार सर्वोत्तम इलाज प्रदान करना है।

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उन्होंने आगे बताया कि टेलीमेडिसिन दिशा-निर्देश भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और तकनीक की मदद से बड़े पैमाने पर जनता को न केवल कोविड- 19 बल्कि अन्य बीमारियों के लिए भी परामर्श मिलेगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इस सुविधा को शुरू करने का अंतिम उद्देश्य देश के गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करना है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों और एम्स को एक साथ जोड़ने की आवश्यकता है ताकि वे स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के लिए नीति कार्यान्वयन में बातचीत और मदद कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि एम्स को अपने बीच परामर्श, टेलीमेडिसिन, शिक्षा, प्रशिक्षण, सहभागिता और प्रोटोकॉल के आदान-प्रदान के लिए जिला अस्पतालों के लिए गतिविधि का केंद्र बनना चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन ने प्रणाली की प्रभावशीलता को जांचने के लिए सुविधा परीक्षण परीक्षा में भी हिस्सा लिया।

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इस नंबर पर मिलेगी सुविधा
नेशनल टेलीकन्सलटेशन सेंटर (कौनटेक) के लिए एकल मोबाइल नंबर (+91 9115444155) स्थापित किया गया है। इसे ऑल इंडिया स्तर पर डायल किया जा सकता है। इन लाइनों के जरिए कोविड - 19 का उपचार कर रहे चिकित्सक कहीं से भी डायल कर सकेंगे। ऑडियो वीडियो के माध्यम से बातचीत करने की सुविधा है। इसके तहत व्हाटसएप, स्काइप, गूगल इुओ का भी उपयोग संभव है। 

कुछ विभागों में फोन के जरिए परामर्श की सुविधा शुरू
एम्स के मुताबिक कुछ विभागों ने अपने पुराने मरीजों को फोन पर चिकित्सकीय परामर्श देना शुरू भी कर दिया है। न्यूरोलॉजी विभाग में भी मरीजों को डॉक्टर फोन पर सलाह देना शुरू कर चुके हैं। एम्स के पास पुराने मरीजों के नंबर से संबंधित डाटा है। उन नंबरों पर कॉल कर डॉक्टर मरीजों को उचित परामर्श दे रहे हैं। बताया गया है कि इस तरह की सुविधा कार्डियोलॉजी सहित कई विभागों में शुरू की जाएगी। फोन पर परामर्श के लिए संबंधित विभाग के फोन नंबर पर मरीज भी संपर्क कर सकते हैं।

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ऐसे मिलेगा सुविधा का लाभ
एम्स के निदेशक प्रोफसर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक टेलीकंसल्टेशन सुविधा की शुरुआत करने का उद्देश्य टेलीफोन के जरिए फॉलोअप मरीजों (पुराने मरीज जिनका उपचार चल रहा है) को चिकित्सकीय मदद प्रदान करना है। ओपीडी मरीजों को पहले से दी गई तारीखें रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज भी इस व्यवस्था के तहत चिकित्सकीय परामर्श ले पाएंगे। किसी तरह की जानकारी के लिए एम्स के हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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