Saturday, Mar 25, 2023
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कोरोना वैक्सीन को लेकर आई गुड न्यूज, ब्रिटेन ने दी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को मंजूरी

  • Updated on 12/30/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। विश्व भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) अपना कहर बरपा रहा है। इस वायरस को रोकने के लिए कई देशों ने वैक्सीन बना ली है। इस बीच अच्छी खबर आई है कि ब्रिटेन (Britain) ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रोजेनिका की वैक्सीन (Oxford University Vaccine) को 'इमरजेंसी इस्तेमाल' के लिए मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही लोगों को इसकी खुराक दी जाएगी। आपको बता दें कि भारत में इसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। ब्रिटेन ने ऐसे वक्त में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को मंजूरी दी है जब देश में कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आया है।

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ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को ब्रिटेन ने दी मंजूरी
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और एस्ट्राजेनेका द्वारा उत्पादित कोविड-19 टीके को बुधवार को ब्रिटेन के स्वतंत्र नियामक ने इनसानों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की मंजूरी मिलने का अभिप्राय है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है। इस टीके का निर्माण करने के लिए ऑक्सफोर्ड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ भी करार किया है और इसका मूल्यांकन एमएचआरए ने सरकार को गत सोमवार को जमा अंतिम आंकड़ों के आधार पर किया है।

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प्रोफेसर कालम सेम्पल का कहना है ये
यह मंजूरी ऐसे समय दी गई है जब वरिष्ठ ब्रिटिश वैज्ञानिक ने रेखांकित किया है कि ऑक्सफोर्ड का टीका वास्तव में स्थिति बदलने वाला है जिससे वर्ष 2021 की गर्मियों तक वायरस के खिलाफ टीकाकरण कर देश सामुदायिक स्तर पर बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर सकता है। श्वास रोग विशेषज्ञ और सरकार की आपात व्यवस्था को लेकर गठित वैज्ञानिक सलाहकार समूह के सदस्य प्रोफेसर कालम सेम्पल ने कहा कि टीका लेने वाले व्यक्ति कुछ हफ्तों में वायरस से सुरक्षित हो जााएंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण है।

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10 करोड़ खुराक का दिया ऑर्डर
ब्रिटेन ने टीके की करीब 10 करोड़ खुराक के ऑर्डर दिए हैं जिनमें से चार करोड़ खुराक मार्च के अंत तक मिलने की उम्मीद है। एस्ट्राजेनेका के प्रमुख पास्कल सोरियट ने जोर देकर कहा है कि अनुसंधानकर्ताओं ने अंतिम नतीजों को प्रकाशित करने से पहले टीके की दो खुराक का इस्तेमाल कर 'कारगर फार्मूला' हासिल किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वायरस पूर्व के अनुमानों से अधिक प्रभावी होगा और इसके कोरोना वायरस के नए प्रकार पर भी प्रभावी होना चाहिए जिसकी वजह से ब्रिटेन के अधिकतर हिस्सों में भय की स्थिति है।

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भारत में भी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का रास्ता साफ
ब्रिटेन के साथ ही ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रोजेनिका की वैक्सीन को भारत में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इस वैक्सीन को ब्रिटेन से पहले भारत में अनुमति मिलती है तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा जो इस वैक्सीन को देने की परमिशन देगा। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रोजेनिका की वैक्सीन के अलावा भारत सरकार फाइजर और भारत बायोटेक को भी मंजूरी देने का विचार कर रही है। फाइजर एक ऐसी वैक्सीन है जिसे पिछले कुछ दिनों में अमेरिका और ब्रिटेन समेत कुछ और देशों में मंजूरी मिल चुकी है।

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ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ऐसा रहा रिस्पॉन्स
आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड काफी लंबे वक्त से एस्ट्राजेनेका  के साथ मिलकर कोविड 19 की वैक्सीन बना रहा है। इसके शुरुआती ट्रायल के नीतेजे भी सही रहे हैं। इतना ही नहीं इस जब इस वैक्सीन का मानव परीक्षण किया गया तो उसका प्रभाव हर वैक्सीन से अधिक रहा। शोधकर्ताओं का कहना है कि दो खुराक की तुलना करें तो इस वैक्सीन की एक पूरी और दूसरी आधी खराक की डोज ज्यादा कारगर है। 

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भारत में फाइजर वैक्सीन की पहली खेप 
जानकारी के मुताबिक भारत पहले ही  एस्ट्राजेनेका के पांच करोड़ से ज्यादा डोज का निर्माण कर चुका है। इनका इस्तेमाल टीकाकरण में किया जा सकता है। वहीं ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की मंजूरी से पहले फाइजर की वैक्सीन की पहली खेप भी भारत पहुंच जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 28 दिसंबर को वैक्सीन का पहला कंसाइनमेंट आ रहा है। इसके लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खास इंतजाम किए गए हैं। साथ ही दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में भी वैक्सीन स्टोर करने के लिए डीप फ्रीजर रखे गए हैं।

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भारत में कोरोना की स्थिति
देशभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। भारत में कोरोना से 1,02,45,326 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 1,48,475 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि, राहत की बात ये है कि 98,33,339 इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना को मात देकर ठीक होने वालों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से अधिक है। सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,60,678  है।

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