नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना संक्रमितों के इलाज और डिस्चार्ज की नीति में बड़ा बदलाव किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से किए गए इस बदलाव के बाद उन मरीजों को थोड़ी राहत मिलेगी, जो क्वॉरेंटाइन के भय से सामने आने से बच रहे हैं। पहले 14 दिन का आइसोलेशन जरूरी था, अब ऐसा नहीं होगा।
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संक्रमण के लक्षण के आधार पर होंगी तीन कैटेगरी मंत्रालय की ओर से जारी नई नीति में संक्रमण के लक्षण के आधार पर तीन कैटेगरी बनाई गई है। एक, सामान्य लक्षण वाले, दूसरा, थोड़ा गंभीर लक्षण वाले और तीसरा, अति गंभीर लक्षण वाले। जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है, या बहुत हल्के हैं, उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। जिनमें थोड़े गंभीर लक्षण हैं उन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा और जिनमें गंभीर लक्षण हैं और ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें क्लीनिकल सिम्प्टम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
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डिस्चार्ज से पहले कोरोना की टेस्टिंग की जरूरत नहीं बहुत हल्के लक्षण वाले मरीजों में वे मरीज शामिल हैं जिन्हें बिना दवा दिए ही तीन दिन में बुखार उतर जाए तो दस दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इनका नियमित रूप से तापमान की जांच होगी और पल्स ऑक्सीमेट्री मॉनीटरिंग होती रहेगी। अगर सब कुछ सामान्य रहता है तो डिस्चार्ज से पहले उन्हें कोरोना की टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। बशर्ते मरीज को सांस लेने में कोई दिक्कत न हो और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़े। लेकिन, डिस्चार्ज के बाद उन्हें भी सात दिन के लिए घर पर ही आईसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा।
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डिस्चार्ज के बाद सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य थोड़े गंभीर लक्षण वाले मरीजों में ऐसे लोगों को रखा गया है जिनका बुखार अगर तीन दिन में ठीक हो जाता है और ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 फीसदी से ज्यादा रहता है तो दस दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इन्हें भी डिस्चार्ज से पहले कोरोना टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। साथ ही डिस्चार्ज के बाद सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य है।
भारत में कोरोना संकट को कम करेगी फेवीपिरवीर दवा! शुरू हुआ देश में दवा का ट्रायल वहीं गंभीर लक्षण वाले मरीजों में वे लोग जिन्हें ऑक्सीजन दिया गया है और जिनका बुखार तीन दिन बाद भी ठीक नहीं हुआ है। ऑक्सीजन की जरूरत बनी हुई है तो उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाएगा। क्लीनिकल सिम्प्टम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आना भी अनिवार्य है। इसके अलावा एचआईवी और अन्य गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को आरटी-पीसीआर टेस्ट में निगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर डिस्चार्ज होने के बाद होम क्वॉरेंटाइन के दौरान दोबारा लक्षण दिखाई देते हैं तो वह राज्य सरकार की हेल्प लाइन या 1075 पर संपर्क कर मदद लिया जा सकता है।
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