नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश में एक बार फिर कोरोना कहर तेज हो रहा है, कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं। वहीं अन्य राज्यों में भी तेजी से मामलों में वृद्धि देखा जा रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना (Corona) के मामलों को देखते हुए सरकारी (Government) और निजी (Private) कंपनी में काम करने वाले लोगों के लिए एक खास सुविधा देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने सरकारी और निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए एक दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है।
कोरोना टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित करने के निर्देश सीएम योगी ने कोरोना से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, सीएम ने सुदृढ़ बनाये रखते हुए संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी उपायों को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित करें। साथ ही संदिग्ध मामलों में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर टेस्ट किये जाए।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कक्षा आठ तक के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को अब चार अप्रैल तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि कक्षा आठ तक के सभी सरकारी तथा निजी स्कूलों को बंद रखने की अवधि 31 मार्च से बढ़ाकर चार अप्रैल कर दी जाए।
सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से बता दें कि केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है। पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है। आरटी-स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि तकनीकी रूप से दिल्ली में कई जिले हैं, लेकिन इसे एक जिले के रूप में लिया गया है।
ब्रिटेन तथा ब्राजील में मिले सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप जांच में तेजी से वृद्धि किए जाने की और इसमें आरटी-पीसीआर जांच का अनुपात भी बढ़ाने की आवश्यकता है। वायरस के स्वरूपों के बारे में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि 10 प्रयोगशालाओं ने दिसंबर से अब तक 11064 नमूनों की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ की है।
जिनमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि ‘कोवैक्सीन’ तथा ‘कोविशील्ड’ दोनों टीके ब्रिटेन तथा ब्राजील में मिले सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं और वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के खिलाफ विभिन्न प्रयोगशालाओं में कार्य जारी है। वायरस का कोई भारतीय स्वरूप नहीं है।
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