देहरादून/ ब्यूरो। देश में कोरोना मामलों में लगातार गिरावट दर्ज किया जा रहा है। वहीं कई राज्यों में कोरोना मामलों को देखते हुए अब भी कई पाबंदियां लगाई गई है, उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट के अगले आदेश तक के लिए चार धाम यात्रा स्थगित कर दी है। हाई कोर्ट ने सोमवार को कैबिनेट के उस निर्णय पर रोक लगा दी थी, जिसमें चार धाम यात्रा के लिए यात्रियों की सीमित संख्या को अनुमति देने का निर्णय लिया गया था।
1 जुलाई से यात्रा का पहला चरण शुरू करने की थी घोषणा दरअसल सरकार ने 1 जुलाई से यात्रा का पहला चरण शुरू करने की घोषणा कर दी थी। जिसमें सरकार ने कहा था, यात्रा का पहला चरण 1 जुलाई से शुरू होगा और दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होगा और यात्रा में शामिल होने के लिए यात्रियों के पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है।
हालांकि कुछ ही देर बाद सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अपना फैसला वापस ले लिया और हाई कोर्ट के अगले आदेश तक के लिए इस यात्रा को स्थगित कर दिया।
कफ्र्यू लागू रखने का भी फैसला बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने आंशिक रूप से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हालांकि कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में फिलहाल कफ्र्यू 22 जून तक लागू रखने का भी फैसला किया गया है। मंगलवार (15 जून) की सुबह छह बजे कफ्र्यू की अवधि समाप्त हो रही थी। उनियाल ने बताया कि इस अवधि के दौरान कुछ परिवर्तनों के साथ पुरानी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में चारधाम स्थित हैं, उन जिलों के निवासियों को निगेटिव आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट के साथ मंदिरों के दर्शन की अनुमति दे दी गयी है।
शादी और अंत्येष्टि में बढ़ाई लोगों की संख्या उन्होंने बताया कि अब निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ चमोली जिले के निवासी बदरीनाथ धाम, रूद्रप्रयाग जिले के निवासी केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले के निवासी गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि शादी और अंत्येष्टि में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय भी किया गया है। हालांकि शादी में शामिल होने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य है।
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, प्रदेश में मिठाई की दुकानें भी सप्ताह में पांच दिन खुलेंगी। उन्होंने बताया कि दुकानदारों की मिठाई खराब होने की परेशानी के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि टेपों और ऑटो के संचालन को भी कफ्र्यू अवधि के दौरान अनुमति दी गयी है। उन्होंने कहा कि राजस्व के लंबित पडे मामलों को निपटाने के लिए 20 लोगों की सीमित संख्या के साथ राजस्व अदालतों को खोलने का निर्णय भी लिया गया है।
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