नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन करते हुए करीब दो महीने होने वाले हैं, लेकिन अब तक इसका कोई भी हल नहीं निकल सका है। किसानों का कहना है कि सरकार इस मामले को लंबा खींचकर आंदोलन को दबाना चाहती है।
For almost two months, we are suffering and dying in cold weather. The government is giving us 'tarikh pe tarikh' and are dragging things so that we get tired and leave the place. This is their conspiracy: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha #FarmLaws pic.twitter.com/NU88y5EOaV — ANI (@ANI) January 17, 2021
For almost two months, we are suffering and dying in cold weather. The government is giving us 'tarikh pe tarikh' and are dragging things so that we get tired and leave the place. This is their conspiracy: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha #FarmLaws pic.twitter.com/NU88y5EOaV
'तारीख पे तारीख’ अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा है कि लगभग दो महीनों से हम ठंड के मौसम में पीड़ित हैं और मर रहे हैं। सरकार हमें 'तारिख पे तारिख’ दे रही है और चीजों को खींच रही है ताकि हम थक जाएं और जगह छोड़ दें। यह उनकी साजिश है।
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19 जनवरी की मिली अगली तारीख बता दें किसानों और सरकार के बीच 15 जनवरी को हुई 9वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। अब सरकार ने किसानों को 10वें दौर की बातचीत के लिए 19 जनवरी का समय दिया है। आज किसान आंदोलन का 53वां दिन है। दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड में किसान सड़कों पर बैठें है और कानून रद्द करने की अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं।
SC से नई समिति बनाने का अनुरोध वहीं एक किसान संगठन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति से शेष तीन सदस्यों को हटाया जाए। साथ ही ऐसे लोगों को उस में रखा जाए जो परस्पर सौहार्द के आधार पर काम कर सकें।
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दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज करने की मांग भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति ने कहा कि यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होगा। क्योंकि 4 सदस्य समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया गया है उन्होंने इन कानूनों का समर्थन किया है। एक हलफनामे में संगठन ने केंद्र सरकार की एक याचिका को भी खारिज करने की मांग की है जिसे केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के मार्फत दायर कर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर्स या किसी अन्य प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।
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