नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। रोलरफ्लोरमिलर्स के शीर्ष संघ रोलरफ्लोरमिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गुरुवार को कहा कि आटा (गेहूं का आटा), मैदा (महीन गेहूं का आटा) और सूजी (सूजी) सहित गेहूं और गेहूं उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंध आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 अवधि के दौरान भी जारी रहना चाहिए।
रोलरफ्लोरमिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने प्रेस वार्ता में बताया, “कम स्टॉक के बावजूद भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई - FCI) को केंद्रीय पूलस्टॉक से 50 मीट्रिक टन गेहूं को बाजार में उतारने की अनुमति दी, ताकि गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को कम किया जा सके। केंद्र के समय पर हस्तक्षेप से न केवल गरीब, निम्न और मध्यम वर्ग को राहत मिली है, बल्कि ब्रेड और बिस्किट सहित कई तरह के उद्योगों को भी राहत मिली है।”
उन्होंने कहा, “जिन राज्यों में सेंट्रल पूल से गेहूं मांग के अनुरूप उतारा गया है, वहां थोक बिक्री बाजार में वर्तमान में गेहूं की दर 23-24 रुपये प्रति किग्रा रुपये तक नीचे आ गई है, जबकि जिन राज्यों में माल उतारने की प्रक्रिया चल रही है, वहां भाव 24-25 रुपये प्रति किग्रा है। यदि भारत सरकार ने समय पर हस्तक्षेप न किया होता, तो कीमतें 40-45 रुपये प्रति किग्रा तक जा सकती थीं। हम सरकार के समय पर हस्तक्षेप की सराहना करते हैं। हम कीमत में कटौती करके सरकार के उद्देश्य को पूरा कर रहे हैं,”
फेडरेशन का कहना हा कि बताया कि 26 जनवरी, 2023 को घोषित ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (घरेलू) के कारण पूरे भारत में गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में 600-800 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है, जिससे आम लोगों और उद्योग जगत को राहत मिली है।
फेडरेशन ने यह भी बताया कि आगामी सीजन के लिए गेहूं की फसल के चल रहे सर्वेक्षण के अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में गेहूं की खेती का क्षेत्र लगभग 343.23 लाख हेक्टेयरआया है, और गर्मियों की शुरुआत के बावजूद 106-110 मिलियन टन के बीच रिकॉर्ड फसल होने की उम्मीद है। गेहूं की कीमतों में गिरावट के साथ रिकॉर्ड उत्पादन से सरकार लक्षित 340 लाख टन गेहूं की खरीद करने में सक्षम होगी।
सरकार के विभिन्न प्रयासों के कारण पिछले दो महीनों में थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं और आटा (आटा) की कीमतों में 6-8 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। रोलरफ्लोरमिलर्स फेडरेशन के अनुसार, वर्तमान में आटे की कीमतें2600-3000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं, जबकि जनवरी 2023 के मध्य में यह 3400-3800 रुपये प्रति क्विंटल थी।
सरकार द्वारा बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए खुले बाजार में 50 लाख टन की बिक्री की घोषणा से पहले बाजार में गेहूं की कम घरेलू उपलब्धता के कारण जनवरी 2023 में गेहूं की घरेलू कीमतें 3200-3600 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं थीं। गौरतलब है कि सरकार ने 26 जनवरी, 2023 से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू की थी, जिससे गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में गिरावट आई है, और उपभोक्ताओं और आटा मिलों को राहत मिली है। फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा, इस साल जनवरी के अंत में शुरू हुई ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से एफसीआई द्वारा लगभग 32-33 लाख टन गेहूं पहले ही बाजार में उतारा जा चुका है। इस अवसर पर फेडरेशन के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने कहा “हमारे सदस्य पहले ही कीमत में कटौती कर चुके हैं। परिणामस्वरूप, कीमतें पहले ही थोक बाजार में 6-8 रुपये प्रति किलो से कम हो चुकी हैं। जब हमारा पड़ोसी देश तीव्र मुद्रास्फीति की स्थिति से जूझ रहा है, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने जमीनी स्थिति पर ध्यान देकर वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव को स्पष्ट रूप से बेअसर कर दिया है।”
नीतीश कुमार की ओर से बुलायी गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे...
पहलवान विनेश फोगाट का सवाल- डर और दहशत के इस माहौल में क्या बेटियों...
ChatGPT के CEO ऑल्टमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात
संजीव जीवा हत्याकांड: अदालत में सुरक्षा संबंधी चूक पर ध्यान केंद्रित...
इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन : केजरीवाल के भाषण में लगे...
मोदी सरकार द्वारा घोषित MSP किसानों के लिए नुकसानदायक: ऑल इंडिया...
CBI ने विमानन सलाहकार दीपक तलवार के खिलाफ दायर किया पूरक आरोपपत्र
आईजीआई एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा के लिए अब स्मार्टफोन की जरूरत नहीं
शख्स ने फोन पर कहा सीआईएसएफ मेरे बैग में रखे बम का नहीं लगा सकी पता
राजस्थान में चुनावी हलचल के बीच RSS प्रमुख भागवत पहुंचे उदयपुर