नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली में 70 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) पर विदेशों से आ रहे बयान के बाद इस मामले ने अब जोर पकड़ लिया है। स्वीडिश ऐक्टिविट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) का आंदोलन को लेकर किए गए ट्वीट के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल कार्रवाई में जुट गई है। साइबर सेल ने ग्रेटा थनबर्ग की ओर से ट्वीट किए डॉक्युमेंट की जांच शुरू कर दी है। इस ममले में अज्ञात के खिलाफ 'दंगा टूलकिट' बनाने को लेकर एफआईआर हुई। ऐसे में पुलिस इस टूलकिट को बनाने वालों तक पहुंचना चाहती है।
शुरुआती जांच में सामने आया ये तथ्य दरअसल दावा किया जा रहा है डिलीट कर दी गई शुरुआती टूलकिट में जनवरी और फरवरी के महीने में दिल्ली के भीतर अराजकता फैलाने की विस्तृत योजना थी। स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह टूलकिट एक प्रो-खालिस्तानी संस्था ने बनाई है।
प्रवीर रंजन ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस टूलकिट का मकसद विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच नफरत फैलाना और भारत सरकार के खिलाफ माहौल बनाना था। इस मामले में पुलिस ने राजद्रोह, आपराधिक साजिश रचने, समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस एफआईआर के आधार पर गूगल को नोटिस हालांकि इसमें ग्रेटा और किसी अन्य को आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस ने कहा कि जांच के बाद ही आरोपी का पता चलेगा हैं। पुलिस का शक इस वजह से गहराया कि दस्तावेज के महत्वपूर्ण हिस्सों को मिटा दिया गया या फिर एडिट कर गया है। अब आगे पुलिस एफआईआर के आधार पर गूगल को एक नोटिस भेजेगी और उससे मूल दस्तावेज की मांग करेगी।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्युमेंट में जिन वेबसाइट्स, संस्थाओं का नाम था, उनमें से कुछ पर अलग-अलगे एजेंसियों की पहले से नजर थी। कमिश्नर ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है और 300 से ज्यादा हैंडल्स की पहचान की गई है जो नफरती और दुर्भावनापूर्ण कंटेंट को बढ़ावा दे रहे हैं।
खालिस्तान समर्थक मो धालीवाल का नाम शामिल वहीं वरिष्ठ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस टूलकिट को 'पीस फॉर जस्टिस' नाम की संस्था ने बनाया था। इस संस्था के सह-संस्थापकों में स्वयंभू खालिस्तान समर्थक मो धालीवाल का नाम शामिल है जो कनाडा के वैंकूवर में रहता है।
जानकारी मिली है कि पावरपॉइंट प्रजेंटेशन में भारत को निशाना बनाने के लिए एक लिस्ट में काम बताए गए थे। एक में भारत की योग और चाय की छवि को ध्वस्त करना, दूसरे में '26 जनवरी को प्रवासियों में एकजुट होकर वैश्विक व्यवधान डालना' और 'कृषि कानूनों को वापस लेना' शामिल था। बताया जा रहा है कि ग्रेटा ने पोस्ट डिलीट कर दी थी मगर उससे पहले बहुतों ने स्क्रीनशॉट्स ले लिए था जो अब वायरल हो रहा है।
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