Friday, Sep 29, 2023
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गुजरात: CM विजय रुपाणी से मिलने के बाद मनसुख वसावा ने बदला फैसला, इस्तीफा वापस

  • Updated on 12/30/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेताओं में शामिल गुजरात (Gujarat) के भरूच से लोकसभा सांसद मनसुख भाई वसावा (Mansukhbhai Vasava) ने पार्टी से दिया अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) से मुलाकात के बाद ये फैसला लिया है।

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बात न सुने जाने पर थे नाराज
बता दें कि जानकारी के अनुसार, बीजेपी में अपनी बात न सुने जाने के बाद नाराज हुए सांसद मनसुख भाई वसावा ने इस्तीफा दे दिया है। उनके अनुसार, वो आगामी बजट सत्र में इस्तीफा दे देंगे। इस बारे में उन्होंने जानकारी पत्र लिखकर वसावा ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को बताया और कहा कि आगामी बजट सत्र में वह लोकसभा से भी इस्तीफा दे देंगे। 

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वसावा के इस्तीफे से गुजरात BJP में मची थी हलचल
जनजातीय मामलों पर मुखर रहने वाले गुजरात से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने मंगलवार को भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह संसद के बजट सत्र के बाद लोकसभा के सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद गुजरात भाजपा में हलचल मच गई है। उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। खास बात यह है कि वसावा ने पीएम मोदी को भी अपनी परेशानी से अवगत कराया था।

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पीएम मोदी को लिखा था पत्र
वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए। 

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मनसुख ने अपने पत्र में लिखा ये
भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा ने गुजरात भाजपा अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा, 'मैं इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि मेरी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे माफ कर दीजिए।' वसावा ने 28 दिसंबर को पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने कहा कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की।

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सोशल मीडिया के जरिए मिला इस्तीफा
उन्होंने कहा, 'मैं अंतत: एक मनुष्य हूं और मनुष्य गलतियां कर देता है। पार्टी को मेरी गलतियों के कारण नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी से माफी मांगता हूं।' भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि पार्टी को सोशल मीडिया के जरिए इस्तीफा मिला। पंड्या ने कहा, 'पाटिल ने उनसे बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। वसावा गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद हैं और हम उनकी सभी समस्याओं को सुलझाएंगे।'

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कौन थे मनसुख भाई वसावा?
इससे पहले वसोवा ने पिछले दिनों बीजेपी सरकार के कामकाज करने के तरीकों को लेकर सवाल उठाने थे, जिसके बाद काफी बहस हुई थी और इसी कारण वो चर्चा में आए थे। बताते चलें कि मनसुख भाई वसावा बीजेपी के वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं में से एक थे। वसावा 6 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद रह चुके हैं। उन्होंने पिछली मोदी सरकार में राज्यमंत्री का पद भी संभाला था, लेकिन बीते कुछ दिनों से वासवा पार्टी के काम काज करने के तरीकों से नाराज चल रहे थे।

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