नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी—सर्वे कराये जाने और इसके लिए नियुक्त ‘एडवोकेट कमिश्नर’ को बदलने के आग्रह सम्बन्धी मामलों में स्थानीय अदालत बृहस्पतिवार अपराह्न 12 बजे के बाद फैसला सुनायेगी। हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौर ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद संवाददाताओं को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर स्थित दो तहखाने खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी कराने और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर दोनों पक्षों ने अपने—अपने तर्क रखे। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।
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उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला बृहस्पतिवार 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि अदालत कल वीडियोग्राफी की अगली तिथि दे देगी और कमिश्नर बदला जाएगा या नहीं, इस पर भी फैसला सुनायेगी। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने‘ बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंगा लगी हुई है और हिन्दू पक्ष जिन दो तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है वे मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं।
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हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता गौर ने दावा किया कि अदालत द्वारा गत 26 अप्रैल को वीडियोग्राफी—सर्वे के लिए जारी अपने आदेश में बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी कराने की बात भी शामिल है, लेकिन चूंकि मुस्लिम पक्ष इसे लेकर भ्रमित है, इसलिए अदालत से आग्रह किया गया है कि वह फैसले के वक्त इस पर भी स्थिति स्पष्ट करे। गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन—पूजन और अन्य देवी—देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।
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सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी—सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था। गत छह मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी। इन मामलों पर आज सुनवाई हुई।
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