नई दिल्ली/ टीम डिजिटिल। रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से बुधवार को कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के वॉक आउट करने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने उनपर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वह 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की वर्षगांठ के अवसर की गंभीरता को छोड़कर अन्य 'चीजों' में व्यस्त थे।
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हरदीप पुरी ने ट्वीट कर राहुल पर साधा निशाना पुरी ने ट्वीट किया, 'वर्ष 1971 की शानदार जीत के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि देने और इस अवसर को गंभीरता से लेने के बजाय राहुल गांधी रक्षा मामले की संसदीय समिति की बैठक छोड़कर जाने जैसी 'हरकतों' में उलझे हुए हैं।'
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'जब हमने सोचा कि कांग्रेस पार्टी के लिए हालात और खराब नहीं हो सकते, तो परिवार के करीबी नेताओं के साथ-साथ 'युवा' गांधी भी इसे और भी नीचे खींचते रहेंगे। पहले नए संसद भवन पर उनकी फर्जी कथा और अब यह।'
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रक्षा मामलों की संसदीय समिति से कांग्रेस का वॉकआउट कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सदस्यों ने रक्षा मामले की संसदीय समिति की बैठक से बुधवार को यह आरोप लगाते हुए बहिर्गमन किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की बजाय सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा में समय बर्बाद किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी समिति के समक्ष लद्दाख में चीन की आक्रमकता और सैनिकों को बेहतर उपकरण उपलब्ध कराने से जुड़े मुद्दे उठाने चाहते थे, लेकिन समिति के अध्यक्ष जुएल उरांव (भाजपा) ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
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लद्दाख पर चर्चा चाहते ते राहुल बैठक में मौजूद एक नेता के अनुसार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में समिति की बैठक में सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के लिए वर्दी के मुद्दे पर चर्चा की जा रही थी और राहुल गांधी ने कहा कि इस पर चर्चा करने के बजाय नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों और लद्दाख में तैनात सशस्त्र बलों को मजबूत करने के बारे में चर्चा करनी चाहिए।
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हस्तक्षेप पर कमेटी के अध्यक्ष ने राहुल को बीच में रोका समिति के अध्यक्ष ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को बोलने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद राहुल गांधी ने बैठक से बहिर्गमन का फैसला किया। इसके बाद समिति की बैठक में शामिल कांग्रेस सांसद राजीव सातव और रेवंत रेड्डी भी उनके साथ बाहर चले गए। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी का कहना था कि वर्दी के संदर्भ में फैसला सेना से जुड़े लोग करेंगे और नेताओं को इसकी बजाय राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
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सेनाओं की वर्दी पर BJP की पैरवी पर बोले राहुल इस बैठक में जब सेना के तीनों अंगों के कर्मियों के लिए वर्दी के रंग को लेकर समिति के समक्ष प्रस्तुति दी जा रही थी तो उसी समय भाजपा के एक सदस्य ने अमेरिका की तरह भारत में भी सेना, नौसेना और वायुसेना के लोगों के लिए वर्दी में एकरूपता की पैरवी की। बहरहाल, गांधी ने कहा कि नेताओं को नहीं, बल्कि सेना, नौसेना और वायुसेना को फैसला करना चाहिए कि उनकी वर्दी का रंग का क्या होना चाहिए।
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राहुल गांधी ने दिया सुझाव सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'यह नेताओं का काम नहीं है कि वे सेना, नौसेना या वायुसेना को बताएं कि उन्हें कौन सी वर्दी पहननी है और यह नेताओं का अधिकार क्षेत्र नहीं है और उन्हें सेना का अपमान नहीं करना चाहिए।' राहुल गांधी ने यह भी कहा, 'राजनीतिक नेतृत्व को सीमा पर डंटे और चीन का मुकाबला कर रहे जवानों के लिए टेंट, बूट और दूसरे उपकरण उपलब्ध कराने पर जोर देना चाहिए। नेतृत्व को इस पर ध्यान देना चाहिए कि दुश्मन को कैसे पीछे खदेड़ना है और हमारे सशस्त्र बलों को कैसे और मजबूत करना है।'
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बैठक में तीखी बहस के बाद किया वॉक आउट सूत्रों का कहना है कि बैठक में तीखी बहस भी देखने को मिली। समिति के अध्यक्ष ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को बोलने से रोका, जिसके बाद राहुल गांधी ने बैठक से बहिर्गमन का फैसला किया। इसके बाद समिति की बैठक में शामिल कांग्रेस सांसद राजीव सातव और रेवंत रेड्डी भी उनके साथ बाहर चले गए। गौरतलब है कि राहुल गांधी लद्दाख में चीन की आक्रमकता को लेकर पिछले कई महीनों से सरकार पर निशाना साधते आ रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा ने उन पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया था कि वह रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक में शामिल नहीं होते।
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