Thursday, Jun 01, 2023
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पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने या घटाने को लेकर हरदीप पुरी ने संसद में रुख किया साफ

  • Updated on 2/3/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पिछले तीन महीने में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें स्थिर रहने के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि सरकार तेल विपणन कंपनियों को इनकी कीमतें घटाने या बढ़ाने के लिये नहीं कहती है। लोकसभा में विभिन्न सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने कहा कि वर्ष 2014 से 2021 तक सात वर्षों की अवधि में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और इससे निपटने के लिये विभिन्न कदम उठाये गए हैं। 

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उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के पिछले आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1973 से 1979 के बीच तब प्रशासित कीमतों की प्रणाली थी तब इस दौरान कीमतों में 140 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई और 1979 से 1986 के बीच 122 प्रतिशत वृद्धि हुई। पुरी ने कहा कि 1986 से 1993 के बीच इसमें 125 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि 2000 से 2007 के दौरान इनकी कीमतों में 70 प्रतिशत और 2007 से 2014 के बीच 60 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।  

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी हमारे समक्ष ऐसी स्थिति है कि बाजार में मांग की तुलना में कम कच्चा तेल उपलब्ध है और इसलिये कीमतें अधिक हैं। उन्होंने कहा कि हम तेल उत्पादक देशों के साथ सम्पर्क में हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम तेल विपणन कंपनियों को इनकी कीमतें घटाने या बढ़ाने के लिये नहीं कहते हैं, वे स्वयं निर्धारित करते हैं। 

पेट्रोल में ऐथेनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य 2025 तक 
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने पेट्रोल में नौ प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है और विश्वास है कि 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण (ब्लेंङ्क्षडग) के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। वर्तमान में गन्ने या अधिशेष खाद्यान्न से 10 प्रतिशत एथेनॉल निकाला जाता है जिसे पेट्रोल में (90 प्रतिशत पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल का मिश्रण) इस उद्देश्य के साथ मिलाया जाता है कि तेल आयात पर निर्भरता कम की जा सके और किसानों को आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध कराया जा सके। पुरी ने लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘जनवरी में हम नौ प्रतिशत के लक्ष्य को पार कर चुके हैं। हमें विश्वास है कि 2025 तक पेट्रोल में नौ प्रतिशत से 20 प्रतिशत ऐथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।’’ 
 

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तरुण कपूर तेल नियामक पीएनजीआरबी के नये प्रमुख होंगे 
पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर को बृहस्पतिवार को देश के तेल एवं गैस नियामक पीएनजीआरबी का प्रमुख चुना गया। कपूर 30 नवंबर, 2021 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामकीय बोर्ड (पीएनजीआरबी) का चेयरमैन चुना गया है। उनका चयन 12 से अधिक उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद हुआ।उनके नाम को अब मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के पास भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद वह पदभार ग्रहण कर सकेंगे। सूत्रों ने कहा कि ओएनजीसी (ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन) के पूर्व चेयरमैन और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के पूर्व निदेशक समेत 13 उम्मीदवारों ने पीएनजीआरबी के चेयरमैन पद के लिये आवेदन दिया था। इनमें से मंत्रालय ने सात नाम छांटे थे। 

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नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत की अध्यक्षता वाली खोज-सह-चयन समिति ने बृहस्पतिवार को उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये, जिसमें कपूर को चुना गया। इस पद के लिये नवंबर में दोबारा से विज्ञापन निकला गया था। इससे पहले, जून 2021 में समिति ने पूर्व बिजली सचिव संजीव नंदन सहाय का चयन किया था। लेकिन उनकी नियुक्ति की पुष्टि नहीं हुई। अत: फिर से विज्ञापन निकाला गया। पीएनजीआरबी के चेयरमैन का पद चार दिसंबर, 2020 से खाली पड़ा है। दिनेश के सर्राफ का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह पद खाली हुआ था।  

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