नई दिल्ली/कुमार आलोक भास्कर। पंजाब में कैप्टन का ताज छिनने में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाले प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरिश रावत की अब छुट्टी हो गई है। दरअसल पंजाब कांग्रेस के लिये हालिया दिनों में फेरबदल कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार यह फेरबदल पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरिश रावत का हुआ है। जो लंबे समय से प्रदेश के प्रभारी थे। आज पार्टी ने एक आदेश से उन्हें तत्काल प्रभारी पद से मुक्त कर दिया है। जिस पर रावत ने कांग्रेस आलाकमान को शुक्रिया कहा है। वहीं अब राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्री हरिश चौधरी को पंजाब कांग्रेस प्रभारी बनाया गया है।
#पंजाब के दोस्तों विशेषत: कांग्रेसजन, मैं आपके प्यार और समर्थन को नहीं भूल सकता। मैं आपसे अलग नहीं हूँ। पार्टी के प्रति कर्तव्य की पुकार है कि मैं एक स्थान विशेषत: #उत्तराखंड में पूरी शक्ति लगाऊं। मेरे दिल में हमेशा पंजाब रहेगा। 1/2 pic.twitter.com/29oGX9hY5Z — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 22, 2021
#पंजाब के दोस्तों विशेषत: कांग्रेसजन, मैं आपके प्यार और समर्थन को नहीं भूल सकता। मैं आपसे अलग नहीं हूँ। पार्टी के प्रति कर्तव्य की पुकार है कि मैं एक स्थान विशेषत: #उत्तराखंड में पूरी शक्ति लगाऊं। मेरे दिल में हमेशा पंजाब रहेगा। 1/2 pic.twitter.com/29oGX9hY5Z
मुंबईः 61 मंजिला इमारत में लगी आग, युवक ने 19वीं मंजिल से लगाई छलांग, मौत
बता दें कि अगले साल पंजाब के साथ-साथ उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव है। जिसको ध्यान रखते हुए हरिश रावत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बार-बार अनुरोध किया था कि उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त किया जाए। ताकि वे अपना सारा ध्यान उत्तराखंड में दे सके। जिसे लंबे काल के बाद सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया।
किसान आंदोलनः मुर्गा फ्री में न देने पर निहंग ने मजदूर की टांग तोड़ी
मालूम हो कि हरिश रावत के काल में ही पंजाब कांग्रेस में बहुत बड़ा फेरबदल हुआ। जिसके तहत राज्य के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हाथ धोना पड़ा। जिससे राज्य कांग्रेस में भूचाल आ गया था। माना जा रहा है कि हरिश रावत के ही सलाह पर सोनिया ने कैप्टन को सीएम पद से हटाने का फैसला किया था। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू को भी प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर हरिश रावत ने कैप्टन को अपनी चतुर राजनीति का एहसास करा दिया। यहीं नहीं हरिश रावत की फिर परीक्षा तब हुई जब कैप्टन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उनका जल्द उत्तराधिकारी भी चुनना था। जिसको लेकर नवजोत सिद्धू सबसे खुश थे कि उन्हें ही सीएम का सेहरा मिलेगा। लेकिन हरिश ने सिद्धू को भी गच्चा देकर दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना गए। ऐसे में सिद्धू फिर से नाराज हो गए। लेकिन उन्होंने दलित चेहरे को आगे लाकर कांग्रेस के जनाधार बढ़ाने के लिये सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी संदेश देने में सफल रहे।
दिल्ली में एक दशक बाद एकीकृत MCD अस्तित्व में आई, चुनाव की अटकलें शुरू
‘AAP’ के अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली पुलिस से माफी की मांग की, कानूनी...
के. चंद्रशेखर राव ने कहा- किसान चाहें तो बदल सकते हैं सरकार
84 के दंगा पीड़ितों संबंधी नीति में भर्ती में वरीयता की परिकल्पना है,...
भाजपा ने पूर्वोत्तर में ‘भ्रष्टाचार की संस्कृति’ को समाप्त किया: शाह
सुप्रीम कोर्ट ने घोटाला मामलों में FIRs को एक जगह करने का दिया आदेश
दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने की योजना से ‘पीछे हटे’ BJP शासित हिमाचल,...
मेहुल चोकसी के खिलाफ देश में ‘अवैध प्रवेश’ का आरोप डोमिनिका ने लिया...
कांग्रेस ने महंगाई को लेकर मोदी सरकार को घेरा, ‘‘भ्रम‘’पैदा करने का...
सरेआम युवक पिटाई के बाद सुआ घोंपकर कर दी हत्या