नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। हरियाणा सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बुधवार को सूचित किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी तक यमुना के जल का निर्बाध बहाव सुनिश्चित कर रही है। हरियाणा सरकार ने यमुना के स्वच्छ जल की निर्बाध आपूर्ति की मांग संबंधी दिल्ली जल बोर्ड(डीजेबी) की अर्जी के जबाव में कहा कि पानी की गुणवत्ता तथा दो राज्यों के बीच उसके बटवारे के मुद्दे ‘‘अंतरराज्यीय नदी जल विवाद'' की प्रकृति के हैं।
इस आरोप कि हरियाणा के जल में प्रदूषक तत्व हैं, के जबाव में हरियाणा की ओर से कहा गया कि प्रवेश स्थान पर जल स्वच्छ लेकिन दिल्ली पहुंचते ही यह ‘‘बेहद प्रदूषित'' हो जाता है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा तथा न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने हरियाणा की ओर से दाखिल अभ्यावेदन पर डीजेबी से जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख निर्धारित की।
गौरतलब है कि डीजेबी ने इस वर्ष की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख किया था और कहा था कि ‘‘ नदी से अवैध बंध तथा अवरोधकों को हटाने का निर्देश दिये जाने संबंधी मई 2019 में पारित आदेश के बावजूद तस्वीरें से स्पष्ट पता चलता है कि इस तरह के ढांचे जल बहाव को रोक रहे हैं।
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