नई दिल्ली,(टीम डिजिटल):दिल्ली से सटे नोएडा में मानसिक तनाव के कारण जनपद में आत्महत्या जैसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिले में अभी तक जितने भी सुसाइड के मामले आए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत मानसिक तनाव के कारण हुए हैं। अब इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक खास पहल करने की बात कही है। जिले के 20 हजार उद्योगों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्प डेस्क बनाया जाएगा।
आगामी जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। जिलाधिकारी सुहास एलवाई के सामने इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद कार्य स्थलों पर 10 लाख से अधिक कर्मचारियों की काउंसलिंग का नियम अनिवार्य किया जाएगा। जिला स्वास्थ्य विभाग की सलाहकार डॉक्टर श्वेता खुराना का कहना है कि जिले में कोविड-19 के आने के बाद मानसिक तनाव से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है। मानसिक तनाव से पीडि़त मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। जिले में इस समय 20 हजार से भी अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें करीब 10 लाख से भी अधिक लोग नौकरी करते हैं। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 1200 से भी ज्यादा आईटी कंपनियां हैं, जिनमें करीब एक लाख से अधिक लोग नौकरियां करते हैं। इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अधिकतर मानसिक तनाव से जूझते रहते हैं। जनपद में 20 हजार औद्योगिक इकाइयों में मानसिक स्वास्थ्य हेल्प डेस्क बनने के बाद मानसिक तनाव की समस्या कम होगी।
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