Thursday, Sep 28, 2023
-->
high court seeks reply from state government on 82 percent reservation in chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में 82 फीसदी आरक्षण पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

  • Updated on 9/14/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा तोड़कर उसे बढ़ाकर 82 प्रतिशत तक करने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

अमरिंदर ने इटली से 4 सिखों के शव लाने में विदेश मंत्रालय से मांगी मदद

वेदप्रकाश सिंह ठाकुर और आदित्य तिवारी द्वारा अलग-अलग दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायाधीश पी पी साहू ने शुक्रवार को सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि 10 दिन बाद मामले की सुनवाई होगी।

याचिका में राज्य सरकार द्वारा चार सितंबर को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसका शीर्षक है- छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) (संशोधन) आध्यादेश, 2019.’’ इसके तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को संशोधित करने की बात कही गई है।

आदित्य ठाकरे के नाम पर ठगी करने वाला मातोश्री से गिरफ्तार

ठाकुर के वकील अनीश तिवारी ने कहा कि अध्यादेश में अनुसूचित जाति के कोटा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये 32 प्रतिशत पर यथावत है। अध्यादेश में आॢथक रूप से गरीब तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव भी किया गया है, जिसके बाद राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 82 प्रतिशत हो गया है।  

 

comments

.
.
.
.
.