नई दिल्ली/टीम डिजिटल। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा तोड़कर उसे बढ़ाकर 82 प्रतिशत तक करने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
अमरिंदर ने इटली से 4 सिखों के शव लाने में विदेश मंत्रालय से मांगी मदद
वेदप्रकाश सिंह ठाकुर और आदित्य तिवारी द्वारा अलग-अलग दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायाधीश पी पी साहू ने शुक्रवार को सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि 10 दिन बाद मामले की सुनवाई होगी।
याचिका में राज्य सरकार द्वारा चार सितंबर को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसका शीर्षक है- छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) (संशोधन) आध्यादेश, 2019.’’ इसके तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को संशोधित करने की बात कही गई है।
आदित्य ठाकरे के नाम पर ठगी करने वाला मातोश्री से गिरफ्तार
ठाकुर के वकील अनीश तिवारी ने कहा कि अध्यादेश में अनुसूचित जाति के कोटा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये 32 प्रतिशत पर यथावत है। अध्यादेश में आॢथक रूप से गरीब तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव भी किया गया है, जिसके बाद राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 82 प्रतिशत हो गया है।
मोदी सरकार ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA कानून 6 महीने के लिए...
मणिपुर के मुख्यमंत्री से इस्तीफा लें PM मोदी, सर्वदलीय बैठक बुलाकर हल...
दिल्ली सेवा विवाद : दलीलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, दिल्ली...
दिल्ली में मोहल्ला बस योजना : DTC ई-बसें खरीदने के लिए करेगी करार
अडाणी पोर्ट्स 19.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अन्य बॉन्ड वापस खरीदेगी
अडाणी मामले में कांग्रेस ने SEBI जांच पर उठाए सवाल, जेपीसी की मांग...
उज्जैन में सड़क पर खून से लथपथ मिली 12 वर्षीय लड़की, जांच में...
राहुल गांधी ने कुलियों के साथ मुलाकात का वीडियो जारी कर महंगाई और...
दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर करना पड़ सकता है अयोध्या का भी विस्तार :...
दिल्ली में चोरी के संदेह में एक व्यक्ति की पीट- पीट कर हत्या