नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हिंदू धर्म को मानने वालों में भगवान गणेश बहुत ही पूजनीय हैं, किसी भी पूजा या धर्म-कर्म का काम शुरु करने से पहले उनकी अराधना की जाती है। इसलिए ही भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता भी कहा जाता है। आपने भगवान गणेश को हमेशा गजमुख स्वरुप के रुप में ही देखा होगा लेकिन आज हम आपको उनके एक ऐसे रुप के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना या देखा हो।
भगवान गणेश के मंदिर तो देश में बहुत से है लेकिन इनमे से सबसे प्रसिद्ध है तमिलनाडु में स्थित आदि विनायक मंदिर की। यह मंदिर भगवान गणेश के एक खास रुप के लिए प्रसिद्ध है जिसके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। जी हां, इस मंदिर में भगवान गणेश की गजमुखी मूर्ती नहीं है बल्कि इंसान स्वरुप में है।
पूर्णिमा-चन्द्रग्रहण पर गंगा में लगाई डुबकी, कई राज्यों से आये श्रद्धालु
आदि विनायक मंदिर की खास बात यह है कि यहां लोग अपने पितरों की शांति के लिए पूजन करवाते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस भगवान गणेश के इस रुप के दर्शन करने और अपने पूर्वजों की शांति के लिए भगवान राम भी यहां पूजा कर चुके हैं। भगवान राम के बाद से ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
विनायक मंदिर को एक और नाम (तिलतपर्ण) से भी जाना जाता है। तिलतपर्ण दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है पूर्वजों को समर्पित किया हुआ शहर। इस मंदिर में भगवान शिव का भी मंदिर है। श्रद्धालुओं को पहले मंदिर के मध्य में भगवान शिव के दर्शन करने होते हैं उसके बाद भगवान गणेश के नर रुपी स्वरुप के दर्शन कर सकते हैं।
इस मंदिर की एक और मान्यता है कि भगवान गणेश के दर्शन के बाद वहां मजूद देवी सरस्वती के भी दर्शन करना होता है नहीं तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। भगवान गणेश के इस रुप को कुछ ही भारतीयों ने देखा है जो अपने पितरों की शांति के लिए वहां गया हो। कहते हैं यहां तर्पण करवाने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ममता बनर्जी बोलीं- अपने बहादुर जवानों के साथ एकजुट खड़ा है राष्ट्र
पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए भारत ने कसी कमर
वायुसेना ने पुलवामा हमले के मद्देनजर पोखरण में किया बड़ा युद्धाभ्यास
लाहौर बस सेवा रद्द करने की मांग को लेकर फगवाड़ा में प्रदर्शन
राहुल गांधी बोले- गब्बर सिंह टैक्स को सच्चा GST बनाएगी कांग्रेस सरकार