Saturday, Sep 30, 2023
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hiv aids medicines used to treat coronavirus in china covid19 patients

कोरोना वायरस को HIV की दवा से हराने की हो रही है कोशिश, पढ़ें पूरी खबर

  • Updated on 3/18/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस (Coronavirus) पूरी दुनिया पर कहर बरपा रहा है। जहां एक तरफ इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी तरफ इससे निपटने के लिए वैक्सीन ट्रायल (Coronavirus Vaccine) जारी है। इसी बीच एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है कि अब कोरोना वायरस को एचआईवी (HIV) की दवा से हराने की कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस के इलाज के लिए एड्स (AIDS) की दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

इस वजह से हो रहा एंटी-एड्स दवाओं का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस के इलाज के लिए दो एंटी-एड्स दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये वो दवाएं हैं जो एचआईवी वायरस को मानव शरीर में नुकसान पहुंचाने से रोकती हैं जिससे कि शरीर की सेल्स की री-प्रोड्यूस करने की क्षमता पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ता है।

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मामले पर शुरू हुआ विवाद
चीन में कोरोना वायरस के इलाज के लिए हो रहे इस दवा के इस्तेमाल को लेकर कई विवाद भी शुरू हो गए हैं। कई एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि इस दवा से कोरोना का इलाज किया जा सकता है लेकिन आपको बता दें अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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नहीं मिला अभी तक कोई उपचार
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े केंद्र के निदेशक झांग की घोषणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अभी तक कोई प्रभावी उपचार नहीं है। कोरोना वायरस चीन में धीरे-धीरे कम हो रहा है और वुहान में भी इसमें काफी कमी आई है जहां सोमवार को केवल एक मामला पॉजिटिव पाया गया। वायरस सबसे पहले पिछले वर्ष दिसम्बर में वुहान में सामने आया था।

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दवा ने दिखाया असर
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC)) ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को नोवल कोरोना वायरस के 21 नये मामलों की पुष्टि हुई है और 13 लोगों की इससे मौत हो गई। इनमें से 12 मौत बुरी तरह प्रभावित हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान में हुई जबकि एक मौत शांक्सी प्रांत में हुई। झांग ने बताया कि शांगजेन के द थर्ड पीपुल्स हॉस्पीटल में क्लीनिकल परीक्षण में 80 से अधिक रोगियों ने हिस्सा लिया जिसमें से 35 रोगियों को फैविपिरावीर दिया गया और 45 रोगी नियंत्रित समूह में रहे। उन्होंने कहा कि परिणाम में दिखा कि जिन रोगियों को फैविपिरावीर दिया गया उनमें नियंत्रित समूह की तुलना में कम समय में वायरस जांच में नकारात्मक पाया गया।

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