नई दिल्ली/प्रियंका। चीन के वुहान (Wuhan) से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनियाभर के 145 देशों तक पहुँच चुका है। इस वायरस के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था ( World Economy) पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। हर देश लगभग खस्ता आर्थिक हालातों से गुजर रहा है।
कोरोना कितना खरतनाक है ये उसके असर से ही नहीं बल्कि कोरोना होने की आशंका के डर से समझा जा सकता है। एक वायरस के कारण पूरी दुनिया में लोग घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए हैं। सड़कें सुनसान, दुकाने-मॉल और सिनेमा घरों के बाहर ताले लटके हैं। ऐसे में हर कोई इन हालातों से जल्द-से-जल्द उबरना चाहता है। लेकिन कोरोना से कब निजात मिलेगा ये कैसे पता चल सकता है। आईए इस रिपोर्ट के आधार पर कोरोना के खात्मे का अंदाजा लगाने की कोशिश करते हैं।
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कोरोना के चरण बताएंगे उसकी उम्र भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की माने तो कोरोना के 4 चरण हैं। जिसमें पहले चरण में वो लोग संक्रमित लोग आते हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर दूसरे देश से भारत में आए, और ये चरण भारत पहले ही पार कर चुका है। दूसरा चरण में स्थानीय संक्रमित लोग अन्य स्थानीय लोगों को संक्रमित करते हैं और इसी चरण में अब भारत है।
तीसरे चरण में 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' (Community Transmission) के जरिए वायरस फैलता है जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना ही कोई भी व्यक्ति वायरस की चपेट में आ जाता है और ये चरण बेहद खरतनाक होता है और सबसे खतरनाक है चौथा चरण जिसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी (Epidemic) की तरह फैलता है।
भारत सरकार के अनुसार, भारत में कोरोना दूसरे चरण में हैं और इसे जल्द ही समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि मौजूदा हालातों को देखे तो स्थिति तीसरे चरण तक बढ़ती जा रही है। यानी अगर भारत दूसरे चरण पर कोरोना को नहीं हरा पाया तो कोरोना की उम्र भारत में लंबी हो सकती है!
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भारत की तैयारियां घटा सकती हैं कोरोना के साल कोरोना को लेकर भारत में हर लेवल पर बचाव कार्य चल रहे हैं। लेकिन फिर भी भारत स्वास्थ्य सेवाएं देने में पीछे है। देश में कोरोना जांचने के पर्याप्त साधन नहीं हैं और न ही हॉस्पिटल्स वार्ड। इतना ही नहीं आइसोलेशन (Isolation) के लिए जरूरी मशीनों के लिए भी भारत दूसरे देशों पर निर्भर है।
भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से क़रीब दस लाख किट और माँगी हैं। वहीँ, आईसीएमआर ने यह भी दावा किया है कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसे लैब तैयार हो जाएंगे जहाँ 1400 टेस्ट रोज़ हो सकेंगे। इसके अलावा प्राइवेट लैब में जांच की तैयारियां भी की जा रही हैं।
भारत में जितनी तेजी से मामले सामने आ रहे हैं सरकार को उतनी ही तेजी से फंड (Fund) की आने वाले समय में जरूरत पड़ सकती है। भारत पहले से ही आर्थिक रूप से खस्ता हालातों से गुजर रहा है और आगे अगर कोरोना के मामले बढ़े तो बड़ी मुसीबत आ सकती है। फिलहाल कोरोना के एक टेस्ट पर 3000 रुपये का ख़र्च आता है। पहले स्तर के लिए 1500 रुपये तक का ख़र्च आता है और ये खर्च अभी केंद्र सरकार ही उठा रही है।
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कोरोना से बचने के ये हैं रास्ते कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को कम करना ही कोरोना की उम्र को कम कर सकता है। इसके लिए टीकाकरण, लोगों में आपसी संक्रमण से बचने के लिए उनकी इम्यून सिस्टम (Immune System) का बढ़ना और लोगों को अपने व्यवहार में नियमित रूप से साफ-सफाई की आदत डालनी होगी। लेकिन भारत में सिर्फ बचाव और जागरूकता ही इसका इलाज है अन्यथा कोरोना अगर बढ़ गया तो इसकी उम्र बढ़ सकती है!
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