Saturday, Dec 02, 2023
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मैं तो राजनीति में आना ही नहीं चाहता था : त्रिवेंद्र सिंह रावत

  • Updated on 11/5/2020

नई दिल्ली/ निशीथ जोशी। उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से लेकर राज्य के विकास के संबंध में तमाम पहलुओं पर खुलकर बात की। सरकार की उपलब्धियां, भावी योजनाओं और विवादों पर भी सिंह ने सवालों का जवाब बेबाकी से दिया। प्रस्तुत है पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स के लिए निशीथ जोशी से हुई विशेष बातचीत के प्रमुख अंश:

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आप साढ़े तीन साल पहले सीएम बने थे। तब और अब में क्या फर्क नजर आता है। जीरो टॉलरेंस में कितना खरे उतरे हैं?
जनता ने हमें सत्ता में इसलिए बैठाया है क्योंकि हमने जनता से वादा किया था कि भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे। मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह के अंदर सबसे पहला प्रहार एनएच-74 में मुआवजा घोटाले में किया। इसमें 5 पीसीएस अफसर और 2 आईएस अफसर को सस्पेंड किया। पहले ही सप्ताह में भविष्य की दिशा उत्तराखंड के लोगों को बता दी थी। विश्वास दिलाता हूं कि हम अपने इस स्टैंड पर कायम हैं। आगे भी कायम रहेंगे। भ्रष्टाचार दीमक की तरह व्यवस्था को खोखला कर देता है। ढाई सौ से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई करके जेल भेजा। कुछ अभी जेलों में हैं। अभियान जारी है। 

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आप पहले गैर-कांग्रेसी सीएम हैं जिन्होंने इतना बड़ा कार्यकाल देखा है। संभवत: चुनाव भी आपके नेतृत्व में हो ?
हमने शुरू से ही कोशिश की कि 5 साल नहीं, 10 साल के हिसाब से सरकार चलाएंगे। लोग कहते थे कि गति तेज होनी चाहिए। मैंने कहा, पहाड़ी राज्य है। तेज स्पीड में कब खड्डे में गिर जाएंगे, पता भी नहीं चलेगा। इसलिए 30 से 35 की स्पीड पर ही गाड़ी चलाना सही है। स्पीड बढ़ाते हुए संभल कर चलना जरूरी है। पीछे नहीं हटेंगे। महसूस करता हूं कि जो बात मजाक के तौर पर कही थी। वह बात आगे बढ़ाते हुए जनता का विश्वास बढ़ा रहे हैं। हरिद्वार सहित 10 जिला पंचायत अध्यक्ष हमारे हैं। 65 ब्लाक प्रमुख हमारे हैं, जो रिकॉर्ड है। स्थानीय निकाय में 6 फीसदी अधिक वोट पाया। इसका मतलब है कि पब्लिक सरकार की नीतियों पर मोहर लगा रही है। लोकतंत्र में सबसे बड़ा प्रमाणपत्र जनता का मत होता है। 

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आपने कहा था कि कभी किसी से कुछ नहीं मांगा। जो मिला, अपने आप मिलता चला गया...
मेरे पंडित हैं। उन्होंने बताया था कि अपनी मेहनत से प्राप्त करना है। अपने कर्म में विश्वास करिए। इस बात का पालन करता हूं। ये सच है कि शादी के बाद मां ने कहा था कि मंदिर में जाकर बेटी मांगना, मंदिर में जाकर मां के कहने पर ईष्ट देव से प्रार्थना की कि मां की इच्छा पूर्ति कर दें। बाकी मंदिर में जाकर हमेशा कल्याण की बात की, सद्बुद्धि मांगी, व्यक्तिगत इच्छा प्रकट नहीं की। राजनीति में आना ही नहीं चाहता था। जिन्होंने मुझे तैयार किया, मैं उनका बहुत आदर करता हूं। जियोग्राफर डॉक्टर नित्यानंद जी और संभाग प्रचारक कमलेश जी, क्षेत्र प्रचारक ओम प्रकाश जी, आज हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने मुझे तैयार किया था।

उनका कहना था कि राजनीति में कुछ लोग ऐसे आने चाहिए जिनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न हो। 2002 में टिकट मिला, तो मैंने मना किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत दा (भगत सिंह कोश्यारी), सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश जी साक्षी हैं। उनके पास जाकर मैंने कहा कि मुझे चुनाव मत लड़वाइए। मैंने कहा था कि चुनाव न लड़कर 7 सीटें जितवा सकता हूं। विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री बनने की कभी इच्छा प्रकट नहीं की। घर से बाहर तक नहीं निकला। नेतृत्व ने चाहा और परमात्मा के आशीर्वाद से सीएम बना। अपना दायित्व समझकर निभा रहा हूं। जैसा मार्गदर्शन मिलता है, वैसा करता हूं। जो करें, देश-समाज के लिए करें। 

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बदरीनाथ धाम के विकास के लिए पीएम ने मंजूरी दी है। बजट की व्यवस्था कहां से होगी? चारों धामों में कंक्रीट से नैसर्गिक सुंदरता खत्म होने की बात बार-बार सामने आ रही है ?  
3 सालों में हुए निर्माण कार्यों के दौरान नैसर्गिक सौन्दर्य को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। आलोचना नहीं करूंगा, लेकिन वहां टाइल्स लग गई थी। हमने स्थानीय पत्थर से ही निर्माण करने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री के साथ जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, उसमें भी उन्होंने यह बात कही थी कि वहां की नैसर्गिक सौन्दर्य को ही ध्यान में रखकर विकास करना है। 400 करोड़ की डीपीआर बनी है। हम चाहते हैं कि व्यवस्थित निर्माण हो। इससे आसपास के तमाम गांव बामणी, माना गांव को फायदा हो। होटल और कारोबारियों को लाभ मिले। देश-दुनिया से आने वाले सुख की अनुभूति करें।

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गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के विकास की क्या कोई योजना है...
यमुनोत्री के लिए रोप-वे स्वीकृत हो गया है। दोनों जगह भूमि का अत्यन्त अभाव है। मास्टर प्लान बनाने को कहा है। वर्तमान व्यवस्थाएं भविष्य में आने वाली भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हमको यात्रियों की संख्या निर्धारित करनी पड़ेगी या अन्य विकल्प तलाशने होंगे।

पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम यात्रा मार्ग की क्या स्थिति है?
कुछ पर्यावरणीय कारणों से काम बाधित हुए हैं। 650 किलोमीटर का पैच बनकर तैयार है। यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। सेना को इसकी बहुत जरूरत है। जहां हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बहुत संवेदनशील होती जा रही है, वहां अच्छी सड़कों का बनना बहुत जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारी बात सुनेगा।

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रोजगार के लिए सरकार ने क्या किया? स्वरोजगार योजना क्या है? प्रवासी लौट कर आए, उनके लिए क्या योजना है?
सीएम स्वरोजगार योजना में 150 तरह के काम शामिल हैं। 50 केवी विद्युत उत्पादन तक की सोलर स्वरोजगार योजना शुरू कर 10 हजार लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसी तरह से गोवा के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य होगा, जहां मोटर बाइक टैक्सी चल रही है। हमने 10 हजार मोटर बाइक टैक्सी के लिए अनुमति दी है। 2 साल का ब्याज सरकार वहन करेगी। इसी तरह से वीरचंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में 50 फीसदी सब्सिडी देंगे। उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है जहां प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाने का काम हो रहा है। इससे 60 लाख का लाभ कमाया गया है। नौकरी सीमित है। कोई कहता है कि सबको नौकरी दे देंगे, तो वह झूठ बोलता है। हमने स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित किया है। 

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बिलो दी बेल्ट वार करने की राजनीति क्यों होती है? एक बार आपकी बेटी भी नाराज हो गई थी। क्या मामला था?
जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, लगातार हमले हो रहे हैं। मेरी पत्नी की सर्टिफिकेट को फर्जी बताकर अटैक किया। 'पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स' ने इस मामले में यूपी बोर्ड से जांच के बाद प्रमाणित किया था कि सीएम की पत्नी के प्रमाण पत्र असली हैं। (यह याद दिलाने पर) छोटी बेटी नाराज हुई। बेटी लॉ की पढ़ाई कर रही है। मुझे लगा कि गलत बातों का प्रतिकार न करने से गलत संदेश जाएगा। इसके बाद पत्नी की तरफ से कानूनी कार्रवाई की गई।

विपक्ष का आरोप है कि आप निरंकुश काम करते हैं। मंत्रिमंडल के सहयोगियों से आपकी बनती नहीं है। रेखा आर्य और हरक सिंह रावत का वह उदाहरण देते हैं?
जनता से जो वादे चुनाव में किए गए हैं उन पर सरकार के मंत्री हो या विधायक हो, दायित्वधारी हो या फिर मेरे सहयोगी हो। सबको ध्यान देना चाहिए। अगर हम खुद ठीक हैं, तो दूसरे को बोल सकते हैं। समाज में सभी तरह के लोग होते हंै। छोटी-मोटी बातों पर नहीं, लेकिन गंभीर विषयों पर तत्काल ध्यान देते हैं। 

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नौकरशाही को लेकर मंत्रियों और विधायकों में रोष है?
राजनीति में सक्रिय हुए 3 दशक हो गए हैं। ये बातें अक्सर सुनने को मिलती है। मुझे लगता है कि लड़ाई-झगड़ा जीवन का एक आवश्यक अंग है। जैसे सुख-दुख होते हैं, वैसे ही थोड़ा बहुत झगड़ा चलता रहा है, लेकिन कोई भी लड़ाई इस बात को लेकर नहीं है कि विकास नहीं हो रहा है। 

सत्य और असत्य की लड़ाई है?
कुछ बातें अदालत में विचाराधीन है, बोलना ठीक नहीं है। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩा है तो धर्मयुद्ध की तरह लडऩा होगा और भ्रष्टाचार के मामलों में अपने पराए के बीच भेद न हो। 

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लोकायुक्त लाने की कोई योजना है?
लोकायुक्त का मामला सदन में है। पीएम के साथ पहली बैठक में ही उनकी एक बात अच्छी लगी थी कि पहले चोरी करो, फिर चौकीदार रखो। इससे तो अच्छा है कि चोरी ही मत करो, तो चौकीदार की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। हमने इसी लाइन पर काम किया है। हमने भ्रष्टाचार के मामलों में ढ़ाई सौ से अधिक लोगों पर कार्रवाई की है। जहां पर लोकायुक्त है, उनका रिकॉर्ड चेक करें? वहां कितनों पर कार्रवाई हुई है? 

हरक सिंह रावत से मनभेद है या मतभेद?
(मुस्कुराते हुए बोले) हरक सिंह जी हमारे छात्र जीवन के साथी हैं। थोड़ा बहुत होता रहता है। बस इतना ही है।

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केदारनाथ धाम में हो रहा चारों तरफ विकास
प्रधानमंत्री के निर्देशन में केदारनाथ धाम के विकास का काम चल रहा है। तीसरा चरण कब शुरू होगा? अब तक केदारनाथ में क्या बदलाव आया है? कब तक पूरा हो जाएगा?

केदारनाथ में बड़ा बदलाव आया है। भौतिक रूप से देखने को मिलता है। मंदिर के चारों तरफ का विकास, आदि शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण, संग्रहालय, कई पीढिय़ों से सेवा करने वाले पुरोहित समाज के लिए आवास की व्यवस्था की। सरस्वती और मंदाकनी नदियों के घाटों के निर्माण, हैलीपेड, लोगों के लिए आवास, एप्रोच रोड के काम हुए हैं। अगले चरण के लिए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। जब भी वह मौका देंगे, तो अगले चरण की शुरुआत करेंगे।

पिछली बार रिकॉर्ड 12 लाख लोग आए थे। कोविड के कारण दिक्कत हुई। आगे लोगों की संख्या बढ़े, इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रोप-वे की सर्विस लगने से लाखों लोग के जाने का रास्ता आसान होगा। पहले ही साल में संख्या दोगुनी हो जाएगी। गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग को जाता है। उसमें आध्यात्मिक वातावरण मिले। पीएम के निर्देशन पर सर्वे का काम हो रहा है।

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