नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मुसलमानों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए कुख्यात, डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद ने रविवार को अपनी टिप्पणी से एक और विवाद खड़ा कर दिया कि अगर कोई मुस्लिम भारत का प्रधानमंत्री बना तो ‘20 साल में 50 प्रतिशत हिंदू धर्म परिवर्तन करेंगे।’ ‘हिंदू महापंचायत’ को संबोधित करते हुए नरसिंहानंद ने हिंदुओं को अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हथियार उठाने का भी आह्वान किया। हालांकि, दिल्ली प्रशासन ने इस आयोजन की अनुमति नहीं दी थी।
महापंचायत का आयोजन यहां बुराड़ी मैदान में ‘सेव इंडिया फाउंडेशन’ के प्रीत सिंह द्वारा किया गया। इसी समूह ने पूर्व में हरिद्वार में और राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर इसी तरह के विवादास्पद कार्यक्रम आयोजित किए थे, जहां मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए थे। सिंह को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर कार्यक्रम में अभद्र भाषा बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
नरसिंहानंद अतीत में भी अभद्र बयानबाजी के मामलों में शामिल रहा है। पिछले साल 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमानों के खिलाफ अत्यधिक भड़काऊ भाषण देने के लिए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रविवार के कार्यक्रम में कई अन्य हिंदू नेता भी शामिल हुए। नरसिंहानंद हरिद्वार में अभद्र भाषा से जुड़े मामले में जमानत पर है।
नरसिंहानंद ने कहा, ‘केवल 2029 में या 2034 में या 2039 में कोई मुस्लिम प्रधानमंत्री बनेगा। एक बार मुस्लिम प्रधानमंत्री बन जाएगा तो 50 प्रतिशत हिंदू धर्मांतरित हो जाएंगे, 40 प्रतिशत मारे जाएंगे और बाकी 10 प्रतिशत या तो शरणार्थी शिविरों में रहेंगे या अगले 20 वर्षों में अन्य देशों में होंगे।’ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे महापंचायत के एक वीडियो में नरसिंहानंद यह कहता हुआ नजर आए, ‘यही हिन्दुओं का भविष्य होगा। यदि आप इस भविष्य से बचना चाहते हैं तो आदमी बनें और हथियार उठाएं।’
महापंचायत में नरसिंहानंद ने कहा, ‘मैंने लंबे समय से हिंदुओं को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए भीख मांगते देखा है। लेकिन मैंने किसी हिंदू की एक भी मांग पूरी होते नहीं देखी। राम जन्मभूमि हमें भीख मांगने से नहीं कोर्ट के दखल से मिली है, इसलिए भिखारी बनना बंद करो।’ इस कार्यक्रम को कवर करने गए दिल्ली के कुछ पत्रकारों के साथ वहां कथित तौर पर बदसलूकी की गई। हालांकि, पुलिस ने इस दावे से इनकार किया कि उन्हें हिरासत में लिया गया।
एक पत्रकार द्वारा किए गए ट्वीट को साझा करते हुए पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने ट्विटर पर कहा कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। पत्रकार के ट्वीट में आरोप लगाया गया कि महापंचायत में हिंदुओं की भीड़ द्वारा दो मुस्लिम मीडियाकर्मियों पर हमला किया गया और उन्हें हिरासत में भी लिया गया।
रंगनानी ने ट्वीट में कहा, ‘कुछ पत्रकार अपनी मर्जी से भीड़ से बचने के लिए, जो उनकी उपस्थिति से भड़क रही थी, कार्यक्रम स्थल पर तैनात पीसीआर वैन में बैठ गए और सुरक्षा कारणों से थाना जाने का विकल्प चुना। किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। उचित पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी।’ पुलिस उपायुक्त ने ट्वीट किया, ‘गलत सूचना फैलाने के लिए ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ उचित आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी।’
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