नई दिल्ली/टीम डिजिटल। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इतने स्वस्थ नहीं हैं कि राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में शामिल हो सकें तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी मंत्रिमंडल के किसी अन्य सदस्य को दे देनी चाहिए। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष एवं विधायक चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि अगर ठाकरे राज्य विधानमंडल के पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान अनुपस्थित रहते हैं तो यह स्वीकार्य नहीं होगा।
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हालांकि, बाद में फडणवीस ने विपक्षी पार्टी के रुख को नरम करते हुए कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री स्वस्थ नहीं हैं तो हम उनके विधानमंडल सत्र में शामिल होने के लिए जोर नहीं दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में उन्हें अपनी जिम्मेदारी मंत्रिमंडल के सदस्यों में बांट देनी चाहिए।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर ठाकरे पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान उपस्थित नहीं हो सकते हैं, तो हमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही प्रभावित नहीं होनी चाहिए।’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘हमारे कार्यकाल में (जब भाजपा सत्ता में थी) जब कोई मंत्री अनुपस्थित होता था, तो उसकी या उसके विभाग की जिम्मेदारी मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को दे दी जाती थी।’’
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उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी कराने के बाद 61 वर्षीय ठाकरे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और बुधवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में नहीं आए। उनके बेटे और राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने बताया कि उनके पिता ठीक हैं और जब जरूरत होगी तब वह सदन में आएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष एवं विधायक पाटिल ने सुबह इस मुद्दे को आक्रमक तरीके से उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘ठाकरे शिवसेना या अपने परिवार में से किसी को अपना प्रभार सौंप सकते हैं। यह मुख्यमंत्री के लिए उचित नहीं है कि वह सदन में अनुपस्थित रहे। हम पूरे सत्र के लिए उनकी अनुस्थिति स्वीकार नहीं करेंगे।’’
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सत्तारूढ़ दलों पर कटाक्ष करते हुए, पाटिल ने कहा, ‘‘उन्हें, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर भरोसा नहीं है, क्योंकि हो सकता है कि बाद में वे पद नहीं छोडें। वह अपने बेटे एवं राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे को कार्यभार सौंप सकते हैं।’’ जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने बताया कि मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य ठीक है और वह कभी भी विधानमंडल में आ सकते हैं। पाटिल ने कहा,‘‘किसी को भी कार्यभार सौंपने की जरूरत नहीं है। वह घर से काम कर रहे हैं।’’ इस बीच, सत्र शुरू होने से पहले, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधान भवन में सत्तारूढ़ एमवीए के विधायकों को संबोधित किया।
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