नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर उसका फैसला आने तक मीडिया को इस बारे में खबरें देने से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
शीर्ष अदालत ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट संबंधी जनहित याचिकाओं के एक समूह पर अपना आदेश 20 फरवरी को सुरक्षित रख लिया था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने इस मामले का जिक्र करने वाले वकील एम एल शर्मा की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा, ‘हम मीडिया पर कोई रोक नहीं लगाएंगे।'
न्यायालय ने सोमवार को अडानी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक के सुझाव और हिंडनबर्ग रिसर्च समूह द्वारा धोखाधड़ी के आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट पर फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार कर दिया था।
उसने अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के मद्देनजर बाजार के लिए नियामक उपायों को मजबूत बनाने की खातिर विशेषज्ञों की समिति पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से 17 फरवरी को इनकार कर दिया था।
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