Monday, Dec 11, 2023
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in the third wave children did not get medicine

क्या ऐसे होगा तीसरी लहर में बच्चों का इलाज ? मॉकड्रिल में ही बच्चों को नहीं मिली दवा

  • Updated on 8/27/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पूर्व शुक्रवार को किए गए मॉकड्रिल में ही बच्चों के इलाज को लेकर कई खामियां सामने आई। संयुक्त अस्पताल में किए गए मॉकड्रिल में बच्चों के इलाज से संबंधित करीब 16 दवाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसके अलावा पीकू वार्ड में मानकों के अनुसार पर्याप्त संसाधन की भी कमी दिखाई दी। मॉकड्रिल का निरीक्षण करने आए एडिशनल डायरेक्टर मेरठ मंडल डॉ. राजकुमार ने अस्पताल प्रबंधन से दवाई व इंस्ट्रूमेंट के लिए मांग पत्र भेजने को कहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीसरी लहर में बच्चों के इलाज को लेकर विभाग कितना तैयार है। 


 कोरोना की तीसरी लहर कब तक आ सकती है, इसका आकलन मुश्किल है। लेकिन इससे बचाव की तैयारियां जिला स्तर पर की जा चुकी हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताई गई है। ऐसे में सरकारी स्तर पर अस्पतालों में पीकू व आईसीयू वार्ड तैयार किए गए हैं।

इन तैयारियों का आकलन करने के लिए शासन स्तर से मॉकड्रिल के निर्देश दिए गए हैं, जिससे इलाज के दौरान आने वाली समस्याओं को अभ्यास कर पहले ही दूर किया जा सके। जिले में संयुक्त जिला अस्पताल, ईएसआई अस्पताल व चारों सीएचसी पर तैयार पीकू वार्ड को लेकर मॉकड्रिल की गई। संयुक्त अस्पताल में मॉकड्रिल का बारिकी से निरीक्षण करने के लिए मेरठ मंडल से एडी डॉ. राजकुमार व सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान पहुंचे थे। मॉकड्रिल को लेकर कई दिन पहले से तैयारी करने के बावजूद बच्चों को इसमें शामिल किए जाने की तैयार नहीं हो सकी।

शुक्रवार को अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे बच्चों के साथ ही मॉकड्रिल किया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मॉकड्रिल में एंबुलेंस से एक बच्ची को रिसेप्शन एरिया में लाया गया, यहां बच्ची का रजिस्ट्रेशन करने के बाद प्राथमिकता पर ऑक्सीजन देकर वार्ड में लाया गया। बच्ची को स्ट्रेचर पर लाने के दौरान वह गिरने से भी बच गई, जिसके बाद वह डर गई और रोने लगी और आगे मॉकड्रिल में शामिल होने से मना कर दिया। इसके बाद दूसरे बच्चे को लेकर अभ्यास किया गया। इस दौरान स्टाफ में घबराहट भी दिखाई दी।

करीब 20 से 25 मिनट की मॉकड्रिल की प्रक्रिया चालू रही। मॉकड्रिल के दौरान संक्रमण को लेकर स्टाफ भी बुनियादी बातों को नजरअंदाज करता दिखाई दिया। सभी स्टाफ पीपीई किट पहने हुए नहीं मिला। जिसे अधिकारियों ने भी गंभीरता से लिया। एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राजकुमार ने कहा कि तीसरी लहर से पूर्व पीकू वार्ड को लेकर किया गया मॉकड्रिल है, जिससे कमियों को दूर किया जा सके। मॉकड्रिल में वार्ड तक पहुंचने के लिए साइन बोर्ड नदारद होने के साथ ही कई कमियां मिली हैं। मॉकड्रिल में 50 से अधिक बिंदुओं पर जांच की गई है।

उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल में मिली कमियों को दूर करने के निर्देेश अस्पताल प्रबंधन को दिए गए हैं। वहीं, एक रिपोर्ट शासन को भी भेजी जाएगी। पहले हुए मॉकड्रिल में जो भी कमियां मिली हैं, उन्हें दूर कर दूसरे मॉकड्रिल में फिर से तैयारियों को परखा जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को वह नियमित टीकाकरण को लेकर भी ब्लॉक में जाकर व्यवस्थाओं को देखेंगे। मॉकड्रिल के दौरान सीएमएस डॉ. भवतोष शंखधर, एसीएमओ डॉ. सुनील त्यागी, सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना सिंह सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा। इसके अलावा ईएसआई अस्पताल व सीएचसी पर मॉकड्रिल के दौरान अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया। 
बच्चों की दवाएं ही नहीं मिली
एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राजकुमार ने बताया कि मॉकड्रिल के दौरान 50 से अधिक बिंदुओं को देखा गया। इसमें दवा व उपकरण भी शामिल रहे। जहां 68 दवाइयों में अभी 16 दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं थीं। इसमें विटामिन-सी, डी ड्रॉप, इंजेक्शन समेत कई दवा शामिल हैं। इसके अलावा 48 उपकरण में से ऑक्सीजन हूड समेत 8 उपकरण नहीं मिले। इस पर एडिशनल डायरेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से मांग पत्र भेजने को कहा है, जिससे तीसरी लहर से पूर्व पर्याप्त दवाओं एवं अन्य उपकरण की कमियों को दूर कर लिया जाए। दवाइयों की कमी अन्य केंद्रों पर हुए मॉकड्रिल के दौरान भी देखने को मिली। 
कमियों को दूर कर बच्चों को मिलेगा इलाज 
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि मॉकड्रिल में जो भी कमियां सामने आई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। बच्चों को बिना किसी समस्या के बेहतर इलाज मिलेगा। वह स्वयं भी दूसरे मॉकड्रिल से पूर्व इसकी समीक्षा करेंगे।
 

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