नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वाम दलों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने की तुलना किसी राजा के राज्याभिषेक से की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह यहां नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
हम लोकतंत्र में हैं, राजशाही में नहीं #संसदभवन pic.twitter.com/qVPERxZRS4 — CPI (M) (@cpimspeak) May 28, 2023
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लगभग 20 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराए जाने के विरोध में समारोह के बहिष्कार का फैसला किया था। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए और आरोप लगाया कि उद्घाटन समारोह “नए भारत” की घोषणा के साथ “ हंगामेदार दुष्प्रचार” के बीच आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा, “भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति और विपक्षी दलों की अनुपस्थिति में नए भारत की यह घोषणा की गई! भारत का मतलब था राष्ट्र और नागरिक जबकि नए भारत का अर्थ राजा और प्रजा हो गया है।”
जब इतने अतिथि आ सकते थे तो महामहिम राष्ट्रपति क्यों नही?क्योंकि BJP दलितों और आदिवासियो को अछूत मानती है। pic.twitter.com/gT02DxB9on— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 28, 2023
जब इतने अतिथि आ सकते थे तो महामहिम राष्ट्रपति क्यों नही?क्योंकि BJP दलितों और आदिवासियो को अछूत मानती है। pic.twitter.com/gT02DxB9on
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनय विश्वाम ने कहा, “इस शुरुआत से यह पता चल गया कि संसद में क्या होने वाला है। निर्मम फासीवादी निरंकुशता अपने रास्ते पर आगे बढ़ रही है। जब प्रधानमंत्री ने सावरकर के सामने सिर झुकाया तो देश को उनकी (सावरकर की) दया याचिकाओं की याद आई। वे अडाणी और एफडीआई के लिए नयी संसद का इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। हम इससे लड़ेंगे।”
Democracy is not grand buildings or pompous speeches but respect of rights & freedoms enshrined in constitution. The Modi government might have inaugurated a new parliament building today. But on the streets, its police showed what it really thinks of democracy. #WrestlersProtest pic.twitter.com/0lD2IqE0kw — CPI (M) (@cpimspeak) May 28, 2023
Democracy is not grand buildings or pompous speeches but respect of rights & freedoms enshrined in constitution. The Modi government might have inaugurated a new parliament building today. But on the streets, its police showed what it really thinks of democracy. #WrestlersProtest pic.twitter.com/0lD2IqE0kw
भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ट्वीट किया, ''दिल्ली में महिला पहलवानों और महिला सम्मान पंचायत में जुटने वाले अन्य नागरिकों पर बर्बर कार्रवाई हो रही है जबकि नए संसद भवन का उद्घाटन किसी राजा के राज्याभिषेक जैसा है। एक तरफ लोकतंत्र पर क्रूर हमला हो रहा है तो दूसरी ओर संवैधानिक भावना और दृष्टिकोण की बातें की जा रही हैं।''
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