नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जापान, आस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ लचीली आपूर्ति श्रृंखला पहल जैसे कदमों सहित अधिक प्रभावी साझेदारी करके भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ उसे खतरे की स्थिति से बाहर रख सकता है । विदेश मंत्री ने निकेई द्वारा आयोजित 26वें ‘‘फ्यूचर ऑफ एशिया’’ सम्मेलन में अपने संबोधन में यह बात कही । उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) ने देशों के बीच एक दूसरे के बारे में सोच और आकलन को लेकर परिवर्तन लाने का काम किया है और इस तरह दुनिया को नया स्वरूप प्रदान किया है। ‘‘इसने दुनिया में विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला के महत्व तथा विश्वास एवं पारर्दिशता की अहमियत को सामने लाने का काम किया है । ’’
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विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ ऐसे में हमें वृहद वैश्विक क्षमता सृजित करने की जरूरत है ताकि महामारी की चुनौतियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटा जा सके । ऐसा करने के लिये हमें वैश्वीकरण के विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने तथा लचीली आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करके वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरे की स्थिति से बाहर रखने की जरूरत है । ’’ जयशंकर ने कहा कि यह महामारी हमारी स्मृतियों में सबसे गंभीर हो सकती है लेकिन इसे आवर्ती चुनौती के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि एक बार आने वाली चुनौती की तरह ।
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उन्होंने कहा ‘‘इसके लिये ऐसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है, जिसकी पहले कल्पना नहीं की गई। कोई भी राष्ट्रीय क्षमता, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो...वह पर्याप्त नहीं हो सकती। ’’ विदेश मंत्री ने कहा कि अगर वर्तमान क्षमताओं को मिला दिया जाए तब भी सामूहिक प्रतिक्रिया कम पड़ सकती है, ‘‘ऐसे में अब हमें ऐसी उत्प्रेरक घटनाओं से निपटने को लेकर हमारी प्रतिक्रिया एवं वैश्विक तैयारी को लेकर नये सिरे से सोचने की जरूरत है । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 ने निश्चित तौर पर आपूर्ति श्रृंखला, वैश्विक शासन व्यवस्था, सामाजिक जिम्मेदारी, नैतिकता जैसे मुद्दों के बारे में चर्चा शुरू की है । ’’
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विदेश मंत्री ने कहा कि जापान, आस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ लचीली आपूर्ति श्रृंखला पहल जैसे कदमों के जरिये अधिक प्रभावी साझेदारी करके भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ उसे खतरे की स्थिति से बाहर रख सकता है । उन्होंने कहा कि जहां तक क्वाड व्यवस्था का सवाल है और जिसमें अमेरिका भी शामिल है, इसका भी एजेंडा आज टीके को लेकर साझेदारी, महत्वपूर्ण एवं उभरती तकनीक, आपूर्ति श्रृंखला, सम्पर्क आदि पर केंद्रित है । जयशंकर ने कहा कि हाल ही में यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ भारत के शिखर सम्मेलन में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को लेकर प्रगति दिखी जो उल्लेखनीय है ।
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