नई दिल्ली/टीम डिजिटल। गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद पूरा देश सरकार से शहीद हुए सैनिकों की जान जाने पर सवाल पूछ रहा है। पूरे देश में इस घटना के प्रति रोष देखा जा रहा है और सरकार से सीमा पर सैनिकों को रक्षा के लिए नियमों में बदलाव करने की मांग भी की जा रही है।
चीन की तरफ से गलवान घाटी में नियमों को तोड़ कर इंडियन आर्मी के जवानों पर हमला करने को लेकर अब भारत की ओर से कई कड़े फैसले लिए गए हैं। जो चीन को सबक सिखाने के लिए काफी है।
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सेना को दी खुली छूट भारत और चीन के बीच का विवाद सालों पुराना है जो बीच-बीच में जागता रहता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच ये समझौता किया गया था कि दोनों की तरफ से कोई भी सीमा पर हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। लेकिन गलवान घाटी पर चीन ने इस नियम का उल्लंघन किया और भारतीय सेना के जवानों पर नुकीले हथियारों से हमला किया।
जबकि भारतीय जवानों ने इस प्रोटोकॉल का पालन किया। लेकिन गलवान की घटना के बाद अब भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है। बताया जा रहा है कि जब बात जवानों की जान की आ जाए तो सेल्फ डिफेंस के लिए हथियारों का प्रयोग करें और प्रोटोकॉल की चिंता न करें।
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इमरजेंसी फंड की मंजूरी भारत और चीन के बीच एक फिर उठे बड़े तनाव के बाद भारत की तीनों सेनाएं सतर्क हैं। थल सेना को लद्दाख भेजा जा गया है, सीमाओं पर और आसपास के इलाकों में तैनाती बढ़ाई गई है। इसके अलावा लेह एयरबेस पर वायुसेना ने तैनात हो गई हैं।
वहीं, सरकार की ओर से सेना को सभी तैयारियों के लिए इमरजेंसी फंड दिया गया है। इसके अंतर्गत 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। साथ ही सरकार ने किसी भी कंडीशन को देखते हुए सेना को अब ये छूट भी दे दी है कि जरूरत के लिए वह किसी भी हथियार की खरीदारी तुरंत कर सकते हैं।
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विदेश नीति से भी देंगे चोट गलवान घाटी की घटना के बाद विदेश नीति के मोर्चे पर भी चीन को घेरा जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की है। साथ ही अमेरिका की ओर से भारत के पक्ष में कई बयान दिए गए हैं जिसमें चीन को घटना के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय ने चीनी मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का कड़ा जवाब दिया है। वहीँ, आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस जाएंगे, जहां कई देशों के प्रमुख और अधिकारी भी शामिल होंगे। रक्षा मंत्री यहां चीन के किसी अधिकारी या मंत्री से नहीं मिलेंगे।
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