Saturday, Jun 03, 2023
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india expected to get first consignment of 6 rafale war planes amid tension from china rkdsnt

चीन से तनाव के बीच फ्रांस से मिल सकती है राफेल विमानों की पहली खेप

  • Updated on 6/29/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीन से तनाव के बीच भारत को 6 राफेल युद्धक विमानों की पहली खेप 27 जुलाई तक मिलने की संभावना है। इन विमानों से भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। घटनाकम से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ सैन्य झड़पों के बाद पिछले दो सप्ताह से वायु सेना अलर्ट पर है। उस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। दोनों सेनाएं सात सप्ताह से उस क्षेत्र में आमने सामने हैं। 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो जून को फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पर्ली से बातचीत की थी। बातचीत में उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद भारत को राफेल जेट विमानों की आपूॢत निर्धारित समय पर की जाएगी। सैन्य अधिकारियों ने नाम नहीं छापने क अनुरोध के साथ कहा कि राफेल विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की समग्र लड़ाकू क्षमता में काफी इजाफा होगा और यह भारत के ÞविरोधियोंÞ के लिए एक स्पष्ट संदेश होगा। 

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इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय वायुसेना ने कोई टिप्पणी नहीं की। विमानों का पहला स्क्वाड्रन वायुसेना के अंबाला स्टेशन पर तैनात किया जाएगा जिसे भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक रूप से अहम ठिकानों में से एक माना जाता है। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए का मेटॉर मिसाइल शामिल है। 

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राफेल विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात किया जाएगा। वायुसेना ने इस संबंध में दोनों अड्डों पर बुनियादी ढांचों के विकास के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इन 36 राफेल विमानों में 30 युद्धक विमान होंगे जबकि 6 प्रशिक्षण विमान होंगे। बता दें कि विमान की कीमतों और कथित भ्रष्टाचार आदि को लेकर कांग्रेस ने इस करार पर सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था।

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