Sunday, Apr 02, 2023
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कोरोना का फरवरी तक हो सकता है अंत! सरकारी समिति ने किया ये दावा...

  • Updated on 10/19/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना संक्रमण (Corona virus) के मामले 75 लाख के पार जा चुके हैं और आगे ये संख्या 1 करोड़ को भी पार सकती है। जानकारों का कहना है कि अगर भारत में कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन (Lockdown) नहीं लगाया जाता तो भारत में अब तक तबाही आ गई होती। 

देश में फैले कोरोना के कहर के प्रसार से संबंधित कारणों का अध्ययन (Corona research) करने के लिए हैदराबाद आईआईटी (IIT) के प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने एक स्टडी की जिसमें यह दावा किया गया है कि अगर भारत में लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो भारत में जून तक 1.40 करोड़ से ज्यादा लोग वायरस के संक्रमण में आ गए होते। 

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इस बारे में प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने 'भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी की प्रगति: लॉकडाउन के प्रभाव और पूर्वानुमान' पर अध्य्यन किया है। अपने अध्ययन को लेकर प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा, 'हमारी तैयारियों में कमी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई होती, जिससे कई अतिरिक्त मौतें हो सकती थी।' 

वहीँ, इस स्टडी के सामने आने के बाद विद्यासागर की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने भी इस बारे में कहा कि लॉकडाउन के लिए सरकार ने अगर मई तक इंतजार किया होता तो जून तक भारत में तकरीबन 50 लाख तक एक्टिव केस बढ़ चुके होते।

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पिछली रिपोर्ट्स को देखें तो सितंबर के अंत में लॉकडाउन समेत लगभग 10 लाख मामले सामने आ गए थे। इस समय तक लॉकडाउन के कारण ही भारत महामारी को संभालने के लिए बेहतर स्थिति में आ गया था। 

समिति ने कहा कि एक प्रारंभिक और व्यापक लॉकडाउन ने कोरोना की एक बड़ी तबाही को होने से रोक दिया, जिससे उस वक्त सिस्टम सभी कुछ झेल सका। समिति ने दावा किया कि लॉकडाउन ने ही कोरोना के ग्राफ को कंट्रोल किया हुआ था। 

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प्रोफ़ेसर के इस अध्ययन में दावा किया जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते प्रसार को तभी रोका जा सकता है जब सभी मास्क, डिसइंफेक्टिंग, टेस्टिंग और क्वारनटीन के अभ्यास को लगातार जारी रखें। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि अगर सभी प्रोटोकॉल्स का कड़ाई से लागू किया जाए तो अगले साल फरवरी के अंत तक इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। सिर्फ कुछ हल्के लक्षणों वाले मरीज ही रह सकते है।

वहीँ, आईआईटी और आईआईएस के वैज्ञानिकों का कहना है कि त्योहारों के मौसम और आने वाली सर्द मौसम में कोरोना का इंफेक्शन बढ़ सकता हैं। इससे बचने के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल जैसे छोटी जगहों पर भीड़ इकट्ठा न करें, बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का खास ख्याल रखना होगा और अगर आप पहले से बीमारी हैं तो ज्यादा सावधान रहना होगा।

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