Tuesday, May 30, 2023
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भारत ने बढ़ाई चीन- PAK की टेंशन, 35 दिनों में 10 मिसाइलों का किया सफल परीक्षण....

  • Updated on 10/12/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत लगातार अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाता जा रहा है। पिछले 35 दिनों में भारत ने 10 ऐसे ब्रह्मास्त्र का सफल परिक्षण किया है जो भारत का उसके दुश्मन देशों पर बड़ा दबाव बना सकता है। चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan) निश्चित ही इन गतिविधियों को देखकर भारत के खिलाफ योजनाएं बना रहे होंगे!

भारत की सैन्य शक्ति बढ़ने के साथ ही सबसे बड़ी सफलता यह है कि भारत ने यह सभी हथियार देश में ही बनाएं है यानी सभी स्वदेशी हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कई बड़ी ही मारक और घातक मिसाइलों का न सिर्फ परिक्षण किया है बल्कि उन्हें अपग्रेड भी किया है।

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DRDO ने किया सफल परिक्षण
भारत ने पिछले दिनों कई अहम मिसाइलों के परीक्षण किए। जिसमें परमाणु कौशल को बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 3 अक्टूबर को अति कौशल, उन्नत संस्करण शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इसकी क्षमता 1 हजार किलोमीटर की है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली तेज-तर्रार मिसाइल है। लेकिन यह एकमात्र ऐसी मिसाइल नहीं थी इसके अलावा भी कई और मिसाइलों की मई की शुरूआत में टेस्टिंग की जा चुकी है। 

इसके साथ ही, पिछले महीने 30 सितंबर को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का परीक्षण किया था। यह मिसाइल 290 किमी से 400 किमी तक की विस्तारित रेंज के तक मार कर सकती है। 

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सुपरसोनिक मिसाइल
भारत ने 5 अक्टूबर को देश में विकसित ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो’ (स्मार्ट) प्रणाली का ओडिशा सफल परीक्षण किया गया। सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो के जरिए वॉर शिप में क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका सफल परीक्षण हुआ है जिसमें परीक्षण के दौरान इसकी रेंज, एल्टीट्यूड, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता और वीआरएम पर स्थापित करने की क्षमता देखी गई। इन सभी उद्देश्यों को इस मिसाइल ने पूरा किया जिसके बाद ही रक्षा मंत्रालय ने इसे सफल परीक्षण करार दिया है।

बताया जा रहा है कि ये स्मार्ट मिसाइल मुख्य रूप से टॉरपीडो सिस्टम का ही एक हल्का रूप है, जिसे लड़ाकू जहाजों पर तैनात किया जाएगा। इसे तैयार करने के लिए हैदराबाद, विशाखापट्टनम समेत अन्य शहरों में मौजूद सीआरडीओ की लैब में इस पर काम किया गया है।

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रुद्रम-1 मिसाइल का परीक्षण
भारत ने 9 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना के एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से नई पीढ़ी की एक विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल लंबी दूरी से विविध प्रकार के शत्रु रडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और संचार नेटवर्कों को तबाह  कर सकती है। 

सुखोई-30 एमकेआई 
इसी कड़ी में भारतीय वायु सेना ने पिछले साल मई में एक सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के आकाशीय संस्करण का सफल परीक्षण किया था। यह अपने आपमें एक तेजतर्रार और यूनीक मिसाइल है। 

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निर्भय को किया तैनात 
चीन की ओर से मिसाइल तैनाती के जवाब में भारत ने भी अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाते हुए सतह से सतह पर 1,000 किमी तक मार करने वाली मिसाइल निर्भय को भी सीमा पर तैनात किया है। यह भारत की तरफ से चीन को दिए गए बराबरी का जवाब माना जा रहा है। 

वहीँ, खबर है कि डीआरडीओ जल्द ही निर्भय मिसाइल का एक और परीक्षण कर सकता हैं। इसके साथ ही भारत परमाणु सक्षम अग्नि 5 मिसाइल सीरीज को भी बढ़ा रहा है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक की है।

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