Sunday, Oct 01, 2023
-->
india vs bangladesh cricket match would be threat with pink ball

8 दिन में तैयार होती है 1 एस.जी. गुलाबी गेंद

  • Updated on 11/20/2019

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारत और बंगलादेश (India vs Bangladesh) के बीच होने वाले ऐतिहासिक डे-नाइट टैस्ट (Day night match) के लिए तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इसके बीच सभी की निगाहें उन एस.जी. गुलाबी गेंदों (pink SG ball) पर लगी हैं जिन्हें खास प्रक्रिया और आम गेंदों की तुलना में कई दिनों की मेहनत के बाद तैयार किया जाता है।

India vs Bangladesh cricket match

भारत और बंगलादेश की टीमें 22 नवम्बर से ईडन गार्डन मैदान (Eden Gardens ) पर अपने क्रिकेट इतिहास के पहले डे-नाइट टैस्ट को खेलने उतरेंगी जिसे यादगार बनाने के लिए पूरे शहर को ही गुलाबी रंग में रंग दिया गया है लेकिन डे-नाइट प्रारूप में इस्तेमाल की जाने वाली इन गुलाबी गेंदों के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है जिसे तैयार करने में नियमित कूकाबूरा गेंदों की तुलना में करीब 8 दिन का समय लगता है।

मयंक अग्रवाल के लिए खुल सकते हैं वनडे के दरवाजे, ये है वजह

गुलाबी गेंद की परिधि 22.5 सैंटीमीटर 
एस.जी. गुलाबी गेंद का वजन 156 ग्राम होता है और इसकी परिधि 22.5 सैंटीमीटर की होती है। इस गेंद में 3 प्रकार की सिलाइयां लगाई जाती हैं जिसमें 1 को लिप स्टिच कहा जाता है जबकि बाकी 2 गेंद के दोनों हिस्सों पर होती हैं जिसमें कुल 78 टांके रहते हैं। दोनों हिस्सों के टांके ओस में गेंदबाजों को इस गेंद को बेहतर ढंग से पकडऩे में मददगार होते हैं। एस.जी. ब्रांड उत्तरप्रदेश के मेरठ में वर्ष 1950 से ही इन गेंदों का निर्माण कर रहा है। 

pink SG ball

पाक PM इमरान ने सरफराज को घरेलू क्रिकेट पर फोकस करने की दी सलाह

गुलाबी गेंद की चमक 2 से 3 सत्रों तक बरकरार रह सकती 
गुलाबी गेंदों की बनावट से अधिक इनके रंग को लेकर काफी चर्चा होती है, दरअसल ये गेंदें फ्लड लाइट में उपयोग की जाती हैं इसलिए इनके गुलाबी रंग को अधिक चटकीला बनाने के लिए इस पर गहरे रंग से रोगन किया जाता है। आम गेंदों की तुलना में अधिक रोगन से हालांकि इनके व्यवहार में लाल गेंदों की तुलना में बदलाव आ जाता है।

आम लाल गेंदों की चमक जहां 60 से 70 मिनट तक बरकरार रहती है वहीं गुलाबी गेंदों की चमक मैच के 2 से 3 सत्रों तक बरकरार रह सकती है। गुलाबी गेंदों को बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले चमड़े को रंगने के अलावा गेंद तैयार होने के बाद भी इन गेंदों की चमक बढ़ाने के लिए इस पर और कोटिंग की जाती है। 

रांची में नेट पर अभ्यास करते देखे गए माही, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में जगह नहीं

पहला डे-नाइट टैस्ट 3 दिन में ही हो गया था समाप्त
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच गुलाबी गेंद से पहला डे-नाइट टैस्ट खेला गया था जो 3 दिन में ही समाप्त हो गया था और मैच में बल्लेबाजों को रन बनाने में काफी मुश्किल आई थी। ऐसे में देखना होगा कि ईडन गार्डन मैदान पर एसजी गुलाबी गेंदें किसके लिए मददगार साबित होंगी।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.