Thursday, Jun 01, 2023
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देश में 'राफेल' की लैंडिंग पर वायुसेना ने कहा- घर पहुंच गए 'Golden Arrows'

  • Updated on 7/29/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में पांच विमानों का बेड़ा आज दोपहर 3 बजे फ्रांस से अंबाला एयरबेस पहुंच गया है। राफेल (Rafale) के भारत की सरजमीं पर आने पर हर कोई गर्व महसूस कर रहा है। वहीं इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी। इस उत्साह के बीच भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर गोल्डेन एरोज का स्वागत किया है। 

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राफेल के देश पहुंचने पर वायुसेना ने किया ट्वीट
भारतीय वायु सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'गोल्डेन एरोज घर पहुंच गए हैं। वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और वायुसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख एयर मर्शाल बी. सुरेश ने अंबाला हवाई अड्डे पर पांच रफाल विमानों के पहले बेडे का स्‍वागत किया।'

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भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता और होगी मजबूत
बता दें कि निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर उतरे। राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए।

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सैन्य इतिहास के नए युग की शुरुआत- राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह न ट्वीट किया है, 'बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं।' वायुसेना में लड़ाकू विमानों को 'बर्ड' (चिड़िया) कहा जाता है। सिंह ने ट्वीट किया है, 'राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नए अध्याय की शुरुआत है। ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे।'

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UPA  सरकार में नहीं हो पाई डील
राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था।

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राफेल को स्क्वाड्रन 17 में किया जाएगा शामिल
दसाल्ट एविएशन के साथ आपात स्थिति में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की कम होती युद्धक क्षमता में सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमान हैं जबकि वायुसेना के स्क्वाड्रन में इनकी स्वीकृत संख्या के अनुसार, कम से कम 42 लड़ाकू विमान होने चाहिए। अंबाला पहुंचे पांच राफेल विमानों में से तीन राफेल एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जो 'गोल्डन एरोज' के नाम से प्रसिद्ध है। 

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