नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पड़ने वाले प्रभाव के बीच मंगलवार को शेयर बाजार (Share Market) का सेंसेक्स 82 अंक टूट गया। मॉरीशस को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया है। इससे सोमवार को बाजार में भारी गिरावट रही।
हालांकि, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक एफपीआई पंजीकरण के पात्र बने रहेंगे। हालांकि, उनकी निगरानी बढ़ाई जाएगी। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 300 अंक तक ऊपर-नीचे होने के बाद अंत में 82.03 अंक या 0.20 प्रतिशत के नुकसान से 40,281.20 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 31.50 अंक या 0.27 प्रतिशत के नुकसान से 11,797.90 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की कंपनियों में सनफार्मा का शेयर सबसे अधिक 2.37 प्रतिशत टूट गया। एचसीएल टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक और एलएंडटी के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर टीसीएस का शेयर 1.98 प्रतिशत चढ़ गया। टाटा स्टील, भारती एयरटेल, एसबीआई और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी लाभ में रहे।
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बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.45 प्रतिशत तक नीचे आ गए। दुनियाभर के निवेशक कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दीर्घावधि के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से हुई थी। आज यह दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। घरेलू बाजार में निवेशक वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा मॉरीशस को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखे जाने के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। भारत में निवेश करने वाले एफपीआई में एक बड़ी संख्या मॉरीशस में पंजीकृत है।
अमेरिका के बाद मॉरीशस देश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है। सेबी ने मंगलवार को कहा कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक एफपीआई पंजीकरण के पात्र बने रहेंगे। हालांकि, उनकी निगरानी बढ़ाई जाएगी। बाजार भागीदारों को इस बात का भी इंतजार है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का क्या नतीजा रहता है। भारत और अमेरिका ने मंगलवार को तीन अरब डॉलर के रक्षा सौदे को अंतिम रूप दिया और तीन सहमति ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनमें एक एमओयू ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है।
जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘सोमवार को भारी बिकवाली के बाद मंगलवार को बाजार में स्थिरता रही। निवेशक कोरोना वायरस के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। ट्रंप-मोदी की बैठक बाजार की धारणा को मजबूत करने में विफल रही। अभी वायरस को लेकर चिंता कायम रहेगी। आपूर्ति में किसी तरह की और बाधा से 2020 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है।’
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शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,160.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की नुकसान में रहे। वहीं दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार नुकसान में चल रहे थे।
इस बीच, ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.16 प्रतिशत के नुकसान से 55.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की बढ़त के साथ 71.85 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
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