Thursday, Jun 08, 2023
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इंदौर का मंदिर हादसा : बावड़ी से एक के बाद एक 36 शव निकाले, शोक का सन्नाटा पसरा 

  • Updated on 3/31/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इंदौर के जिस पटेल नगर स्थित मंदिर के नीचे बरसों दबी रही बावड़ी में गिरकर 36 श्रद्धालु काल के गाल में समा गए, वहां अब शोक का चुभने वाला सन्नाटा पसरा है। करीब 24 घंटे चले बचाव अभियान के दौरान बावड़ी से निकाला गया 36वां शव सुनील सोलंकी (52) का था। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यह हादसा शहर के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना के रूप में दर्ज हो गया है जिसमें 21 महिलाओं और दो बच्चों ने भी जान गंवाई है। पटेल नगर के बाशिंदे उस घड़ी को अब तक नहीं भूल सके हैं, जब बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की फर्श हवन-पूजन के दौरान कुछ इस तरह धंसी कि ज्यादातर लोगों को अपनी जान बचाने का मौका ही नहीं मिल सका।

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 मंदिर के पास रहने वाले अनिल भटेवरा (65) ने शुक्रवार को बताया,‘‘मंदिर में बृहस्पतिवार 12:00 बजे के आस-पास दुर्घटना हुई। कुछ महिलाएं बदहवास हालत में दौड़कर मेरे पास पहुंचीं और बताया कि कई लोग बावड़ी में गिर गए हैं।'' भटेवरा ने कहा,‘‘मैं मंदिर के नजदीक ही रहता हूं, लेकिन बावड़ी में गाद इतनी थी कि हमें लोगों के इसमें गिरने की कोई आवाज ही नहीं आई। हम तुरंत मंदिर में पहुंचे और 17-18 लोगों को बावड़ी से बाहर निकाला।'' उन्होंने बताया कि वर्ष 1972 के दौरान यह बावड़ी पूरी तरह खुली थी और वह इसमें उतरकर नहाते थे। 

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भटेवरा ने बताया,‘‘ ..लेकिन 1983 के आस-पास इस बावड़ी को ढंक दिया गया। हमने इस बावड़ी को ढंके जाने के खिलाफ प्रशासन को आठ-दस बार शिकायत की। एक बार एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बुलडोजर के साथ भी आए, लेकिन वह लौट गए। हमें पता नहीं कि इस बावड़ी को हादसा होने तक अतिक्रमण से मुक्त क्यों नहीं कराया जा सका।'' भटेवरा ने कहा कि मंदिर हादसे के दोषियों के खिलाफ जरूर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन उन्हें इस बात का सबसे ज्यादा दु:ख है कि उन्होंने अपने मोहल्ले को लोगों को रामनवमी के उस दिन खो दिया, जब वहां धार्मिक उल्लास का माहौल था। पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने बृहस्पतिवार को बताया था कि उनके सूचना देने के बावजूद एम्बुलेंस और बचाव दल एक घंटे तक मौके पर नहीं पहुंचा। 

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उन्होंने बताया कि हादसे के बाद पटेल नगर के रहवासियों ने बचाव का मोर्चा संभाला, लेकिन उनके पास बावड़ी में गिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे। इसकी बानगी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से मिलती है जिसमें एक व्यक्ति महिला को रस्सी से बांधकर उसे बावड़ी से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रस्सी टूट जाती है और महिला एक चीख के साथ दोबारा बावड़ी में गिर पड़ती है। 

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मंदिर के आस-पास जुटे कई क्षेत्रीय नागरिक यह शिकायत भी करते दिखाई दिए कि प्रशासन हादसे की भीषणता का सही अंदाजा नहीं लगा सका और उसने बचाव के लिए थल सेना को बुलाने का फैसला घंटों के विलम्ब से किया। इसके साथ ही, इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने मीडिया को बताया कि अगले कुछ दिनों तक इस बावड़ी के आस-पास लोगों को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी और वहां पुलिस का पहरा रहेगा। उन्होंने बताया,‘‘हम इस बावड़ी से पूरी गाद बाहर निकालेंगे। फिर मलबा डालकर इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा ताकि दोबारा हादसा होने की कोई आशंका ही नहीं रहे।'' 

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