नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक मूल्यांकन पेश करती है। इसके साथ ही उद्योग निकायों ने वृद्धि और खपत बढ़ाने के लिए बजट में लीक से हटकर कुछ फैसले लिए जाने की उम्मीद भी जताई। समीक्षा के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में कुछ धीमी पड़कर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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हालांकि भारत दुनिया भर में आई असाधारण चुनौतियों का सामना करने में अन्य देशों से कहीं बेहतर स्थिति में है और दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आर्थिक समीक्षा अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में प्रचलित रुझानों को प्रभावी ढंग से पकड़ती है और उनका प्रभावी विश्लेषण करती है।
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उन्होंने कहा, ''सीआईआई को उम्मीद है कि समीक्षा में व्यक्त कुछ धारणाओं को बुधवार को पेश होने वाले आम बजट में जगह मिल जाए।'' फिक्की के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कि विकास गति जारी रखने के लिए सरकार की तरफ से पूरे साल सहयोग जारी रहने की जरूरत है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक मूल्यांकन करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वृद्धि और खपत बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में लीक से कुछ हटकर फैसले लेंगी।
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धानुका ग्रुप के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल का कहना है, 'देश में खाद्यान्न उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहा है। लेकिन विकसित और साथ ही चीन सहित कुछ विकासशील देशों की तुलना में, हमारा प्रति एकड़ उत्पादन औसत बहुत कम है। वास्तव में, यह चीन की तुलना में एक तिहाई है। ऐसे में उत्पादन को और बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। इसके लिए, सरकार को कृषि क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को और प्रोत्साहित करना चाहिए और ड्रोन आदि जैसी नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही, उचित गुणवत्ता और सही तरीके से उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों सहित गुणवत्तापूर्ण कृषि-इनपुट के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
राज्यपालों में मोदी के प्रति वफादारी साबित करने की लगी है होड़ : कांग्रेस वहीं, एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक डॉ. कल्याण गोस्वामी का मानना है कि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले 6 वर्षों में कृषि क्षेत्र में सालाना 4.6% की वृद्धि हुई है। यह एक शुभ संकेत है। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण सरकार द्वारा बढ़ाया गया उच्च एमएसपी दर है। यह बढ़ते कृषि-संबंधित ऋण, आय समर्थन योजनाओं और बीमा के लिए भी अच्छे संकेत माना जा रहा है। हम कृषि से संबंधित ऋण और आय योजनाओं को भविष्य में भी जारी रखने का आग्रह करते हैं।
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