Wednesday, Oct 04, 2023
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ISPA बनते ही भारती ग्रुप की बल्ले-बल्ले, वनवेब ने उपग्रह प्रक्षेपण के लिए ISRO से किया करार

  • Updated on 10/11/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारती ग्रुप की अनुषंगी वनवेब ने सोमवार को कहा कि उसने 2022 से भारत में अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने के लिए इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ समझौता किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एनएसआईएल के साथ आशय पत्र के माध्यम से, भारत में निर्मित पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) और जीएसएलवी (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) मार्क 3 को भारतीय जमीन से वनवेब के उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए संभावित मंच के तौर पर इस्तेमाल करने की व्यवस्था की गयी है। 

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इसमें कहा गया है, 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) के शुभारंभ पर गैर-बाध्यकारी आशय पत्र का अनावरण किया गया।' वनवेब आईएसपीए के संस्थापक सदस्यों में से है। आईएसपीएस भारत में अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों की सामूहिक आवाज बनने की कोशिश करेगा और भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए हितधारकों के साथ काम करेगा। 

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कंपनी 648 पृश्वी केंद्रित कक्षा (पृश्वी से 500-2,000 किमी दूर) उपग्रहों के अपने प्रारंभिक समूह का निर्माण कर रही है और पहले ही 322 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर चुकी है। वनवेब इस साल अलास्का (अमेरिका), कनाडा और ब्रिटेन सहित आर्कटिक क्षेत्र में और भारत में 2022 की दूसरी छमाही में सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है। 

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भारती ग्रुप के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा, 'वनवेब पृथ्वी, महासागर और आकाश में अपनी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का प्रसार करने के सपने को पूरा करने के लिए इसरो के सफल मंचों का इस्तेमाल करने को लेकर उत्साहित है।' अभी यह साफ नहीं है कि भारती ग्रुप इसरो को किस तरह की फाइनेंशियल या तकनीक पर सहायता देगा। बता दें कि अभी तक भारत में स्पेस तकनीक इसरो के पास ही है। अगर इसरो को अपनी तकनीक प्राइवेट खिलाड़ियों से शेयर करने में आर्थिक फायदा होता है तो निश्चित तौर पर इसरो के विस्तार में मदद मिलेगी। 

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