Sunday, Sep 24, 2023
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इसरो के पूर्व वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन ने बताई केरल में बाढ़ की असली वजह

  • Updated on 8/20/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रख्यात वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन ने कहा है कि बढ़ती आबादी, पश्चिमी घाट के क्षरण और जलवायु परिवर्तन केरल में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण हो सकते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने इस बात का जिक्र किया है कि पिछली सदी में राज्य की आबादी बढ़ी है और पर्यावरण एवं संसाधनों पर इसका दबाव पड़ा है।

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उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'इसलिए, इन सबका पर्यावरण पर असर पड़ा है ...आबादी बढ़ी है, संसांधनों की मांग बढ़ी है, जिनमें भूमि, कृषि और कई अन्य गतिविधियां शामिल हैं।' योजना आयोग (अब भंग किए जा चुके) के सदस्य रह चुके कस्तूरीरंगन ने कहा कि अतीत में भारी बारिश का प्रकृति ने अपनी घनी वनस्पति और अन्य प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों से प्रबंधन किया था। लेकिन 1940 के दशक की तुलना में पश्चजल सिमट कर 50 से 60 फीसदी रह गया है। 

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केरल से ही आने वाले कस्तूरीरंगन ने कहा कि पश्चिमी घाट का कई स्थानों पर क्षरण हुआ है और वहां कृषि गतिविधियां शुरू की गई हैं। आबादी के दबाव की वजह से ऐसा करना पड़ा है। कस्तूरीरंगन के मुताबिक भारी बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन भी हो सकता है। उन्होंने कहा, 'कई कारण हैं। इसका विश्लेषण करना होगा।'

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उन्होंने भारी बारिश से हो रहे नुकसान को कम करने के लिए उपयुक्त योजना की अपील की। कस्तूरीरंगन ने कहा कि केरलवासियों की सतत आजीविका सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। दरअसल, राज्य में 8 अगस्त से बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 210 लोगों की जान जा चुकी है और 7. 14 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं।

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