नई दिल्ली/टीम डिजिटल। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई लेकिन इसके विरोध के सुर साल 2020 में भी सुनाई देते रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से जिन हालातों में आर्टिकल 370 को हटाया गया और उसके बाद जिस तरह से केंद्र सरकार ने कश्मीर की स्थिति को लेकर अपनी जवाबदेही रखी उससे विपक्षी पार्टियों को और समाजसेवियों को जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने का मौका मिलता रहा है।
साल 2020 अब कुछ दिनों बाद खत्म होने जा रहा है। इसके साथ ही की ऐसे मुद्दे और बातें वो पाने पीछे छोड़ जाएगा जिससे जम्मू कश्मीर की जनता और केंद्र सरकार को याद किया जाएगा। आइये शुरूआत से शुरू करते हुए आज तक जम्मू-कश्मीर का सफर तय करते हैं।
सफरनामा 2020: दंगा जो दिल्ली के लिये बना दाग,लगेगा जख्म भरने में वक्त!
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि आर्टिकल35-A, की मूल भावना जम्मू-कश्मीर के भारत के अंग बनने से पहले के वहां के शासक महाराज हरि सिंह द्वारा लाए गए एक कानून से लिया गया है। इसमें हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के साथ बाहर से आने वालों के अधिकारों का जिक्र किया था। बाद में पाकिस्तानी कबीलों के आक्रमण के बाद हरि सिंह ने भारत में विलय की घोषणा की।
आपराधिक मामलों में फंसे भाजपा नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
धारा 370 का हिस्सा है अनुच्छेद 35-A विलय के बाद जम्मू-कश्मीर की कमान शेख अब्दुल्ला के हाथों आ गई, उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरू से घाटी के लिए विशेष प्रावधानों की बात की और धारा 370 को संविधान में शामिल किया गया जो जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। 1952 में दोनों नेता के बीच हुए करार के बाद राष्ट्रपति के आदेश पर जम्मू कश्मीर के हित में संविधान में कुछ और प्रावधान शामिल किए गए। आर्टिकल 35-A, भी इन्हीं में से एक था। बहुत कम लोगों को पता है कि अनुच्छेद 35-A, धारा 370 का ही हिस्सा है।
सफरनामा 2020: Google और Apple ने जारी की बेस्ट एप्स की लिस्ट, ये रही बेस्ट आईफोन एप ऑफ द ईयर
कब आया ये अनुच्छेद 14 मई 9154 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित कर भारत के संविधान में अनुच्छेद 35A को जगह दी थी।
जम्मू कश्मीर का संविधान 1956 में जम्मू कश्मीर ने अपना संविधान बनाया था। इस संविधान के अनुसार स्थायी नागरिक वही व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के दस सालों से राज्य में रह रहा हो। साथ ही उसके पास वहां की संपत्ति हो।
धारा 370 का इस्तेमाल करके... अनुच्छेद 35A को संविधान में जगह मिली थी लेकिन संविधान सभा से लेकर संसद की कार्यवाही तक कभी इसे संविधान का हिस्सा बनाने का जिक्र नहीं है। इसे लागू करने से पहले तत्कालीन सरकार ने धारा 370 से प्राप्त शक्ति का इस्तेमाल किया था।
सफरनामा 2020: इस साल इन 5 फिल्मों ने की बंपर कमाई, मात्र 2 फिल्में छू पाई 100 करोड़ का आंकड़ा
क्यों इसे रद्द करने की मांग उठी इसे हटाने के लिए कई दलील दी जा रही थी। इनमें से ही एक दलील ये दी जा रहा है कि इसे संसद द्वारा लागू नहीं करवाया गया था। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि देश के बंटवारे के समय बड़ी संख्या में पाकिस्तान से लोग भारत आए थे। इनमें से ज्यादातर लोग, जम्मू कश्मीर में ही रह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35A के जरिए इन सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया। इन में से 80 फीसदी लोग पिछड़े और हिंदू समुदाय से है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर की महिला किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर लेती है तो उसका संपत्ति से अधिकार खत्म कर दिया जाता है।
सफरनामा 2020: देश के इन 5 राज्यों में कोरोना ने तोड़े रिकॉर्ड, जानिए किस राज्य में कितने बढ़े मामले
आर्टिकल 35-A की आड़ में भेदभाव आर्टिकल 35-A की आड़ में हो रहे भेदभाव को देखते हुए लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि इस आर्टिकल का हवाला देकर सरकार ने लोगों को संविधान से प्रदत्त मूल अधिकारों का उल्लंघन किया है। अतः सुप्रीम कोर्ट को इसे तुंरत खारिज कर देना चाहिए।
धारा 370 हटने के बाद नागरिकों को मिला ये - जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद नागरिकों को वोट डालने का अधिकार मिला - जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद राज्य में व्यापार और इंडस्ट्री के लिहाज से निवेश बढ़ा है। जो अब तक वहां के माहौल की वजह से नहीं आ रहा था। - व्यापार और उद्योग आएगा तो प्रोडक्शन बढ़ेगा और जिससे राज्य की जीडीपी पर सकारात्मक रूप से बढ़ेगा। जिसका फायदा कश्मीर के नागरिकों को सीधे तौर होगा। - इंडस्ट्री और व्यपाार आने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्हें दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए नहीं जाना होगा। जिससे प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होगा और जीवनशैली सुधरेगी। - यहां टूरिज्म सेक्टर बढ़ेगा जिससे प्रदेश और वहां के लोगों को फायदा होता है। 370 हटने की वजह से कश्मीर के टूरिज्म को फायदा होगा। - धारा 370 हटने के बाद कई प्राइवेट हॉस्पिटल जम्मू-कश्मीर में खुलने के आसार बढ़ेंगे।
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
Assembly Elections Results 2023 Live- राजस्थान में रुझान भाजपा के...
Assembly Elections Results 2023 Live- मप्र में रुझानों के मुताबिक...
Assembly Elections Results 2023 Live- तेलंगाना में कांग्रेस शुरुआती...
Assembly Elections Results 2023 Live- छत्तीसगढ़ के शुरुआती रुझानों...
MP चुनाव: चौहान, कमलनाथ को अपनी- अपनी पार्टियों की जीत का भरोसा
ED ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में संजय सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर...
शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने कहा- सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार
आदित्य एल-1 मिशन को लेकर आया बड़ा अपडेट, चालू हुआ ये खास डिवाइस
खराब मौसम से उड़ानें प्रभावित, दिल्ली हवाई अड्डे से 18 फ्लाइट डायवर्ट
क्या फिर CM बनेंगे, पूछने पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा- BJP जिंदाबाद