Tuesday, Oct 03, 2023
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J&K में समय-समय पर पाबंदियों की होनी चाहिए समीक्षा: सुप्रीम कोर्ट

  • Updated on 10/24/2019

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir ) प्रशासन से गुरूवार को कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियां लगा सकते हैं लेकिन समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए।  

न्यायमूर्ति एन वी रमण (N. V. Ramana) की अगुवाई वाली एक पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार (Tushar Mehta) मेहता ने बताया कि प्रशासन रोजाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है। पीठ जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा वापस लेने के बाद राज्य में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

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पाबंदियों की रोजाना होती है समीक्षा
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का पक्ष रख रहे मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि पाबंदियों की रोजाना समीक्षा की जा रही है। करीब 99 प्रतिशत क्षेत्रों में कोई प्रतिबंध नहीं हैं। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल थे।

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सीमापार से दुरुपयोग की आसंका के कारण बंद है इंटरनेट
पीठ ने राज्य में इंटरनेट पर लागू प्रतिबंध के बारे में पूछा। इस पर सॉलिसीटर जनरल ने अदालत को बताया कि इंटरनेट पर प्रतिबंध अब भी इसलिए जारी हैं क्योंकि सीमापार से इसके दुरुपयोग की आशंका है। न्यायालय इन याचिकाओं पर बहस पांच नवंबर को सुनेगा।

बता दें की जम्मू-कश्मीर से 5 सिंतबर को अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तब से वहां सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ पाबंदियां लगाई गई थी।

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