नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्र सरकार (Central Government) के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 51वें दिन भी जारी है। इस बीच गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड करने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि 26 जनवरी को सबसे ऐतिहासिक परेड होगी जब एक तरफ किसान चलेगा और दूसरी तरफ देश के जवान।
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26 जनवरी को किसानों की परेड राकेश टिकैत ने कहा, 'ये पता चला है कि वे (सरकार) राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक परेड निकालेंगे। उन्होंने अपनी यात्रा छोटी कर दी है। हम लाल किले से निकालेंगे इंडिया गेट तक, दोनों का मेल मिलाप वहीं होगा। किसान देश का सिर ऊंचा करेंगे। यह दुनिया की सबसे ऐतिहासिक परेड होगी। यहां एक तरफ से किसान चलेगा, एक तरफ से किसान चलेगा।'
#WATCH | "On Jan 26, we'll take out a procession from Red Fort to India Gate. We will hoist the flag where we'll meet at the Amar Jawan Jyoti. It will be a historic scene where on one side we will have 'kisan' and on the other side, 'jawan'," says BKU Spokesperson Rakesh Tikait pic.twitter.com/aF6JGk1UnP — ANI (@ANI) January 14, 2021
#WATCH | "On Jan 26, we'll take out a procession from Red Fort to India Gate. We will hoist the flag where we'll meet at the Amar Jawan Jyoti. It will be a historic scene where on one side we will have 'kisan' and on the other side, 'jawan'," says BKU Spokesperson Rakesh Tikait pic.twitter.com/aF6JGk1UnP
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इस बार होगी दुनिया की सबसे ऐतिहासिक परेड- BKU टिकैत ने कहा, '26 जनवरी को किसान देश का सिर ऊंचा करेंगे। दुनिया की सबसे ऐतिहासिक परेड होगी। एक तरफ से जवान चलेगा और एक तरफ से किसान चलेगा। इंडिया गेट पर हमारे शहीदों की अमर ज्योति पर दोनों का मेल मिलाप होगा।' उन्होंने कहा, 'बातचीत के लिए हम तैयार हैं। सरकार कृषि कानूनों को वापस ले, इसी संबंध में शुक्रवार को मुलाकात होगी।'
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भाकियू नेता ने कहा ये इससे पहले भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ तय नौवें दौर की वार्ता में शामिल होंगे और गतिरोध को सुलझाने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए वार्ता को जारी रखना जरूरी है। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कई सप्ताह से जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में अब तक हुई आठ दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली है।
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कृषि मंत्री को है ये उम्मीद वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार को शुक्रवार की निर्धारित वार्ता में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। टिकैत ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी संघ शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में भाग लेंगे। क्या किसान संघों को शुक्रवार को होने वाली वार्ता से कोई उम्मीद है, इस सवाल के जवाब में भाकियू नेता ने कहा, 'देखते हैं कि कल क्या होता है। लेकिन, सरकार के साथ हमारी बैठकें तब तक जारी रहेंगी जब तक हमारा प्रदर्शन समाप्त नहीं हो जाता क्योंकि ऐसा होना जरूरी है।'
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सरकार के साथ बैठकों का नहीं करेंगे विरोध- राकेश टिकैत राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि अगर कोई समाधान नहीं निकलता तो क्या शुक्रवार की वार्ता अंतिम हो सकती है, इस पर उन्होंने कहा, 'हम सरकार के साथ बैठकों का विरोध नहीं करेंगे।' नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, 'सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ वार्ता करने को तैयार है।' नौवें दौर की वार्ता को लेकर संशय को दूर करते हुए किसान नेता ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच तय समयानुसार 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे वार्ता शुरू होगी।
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SC ने गठित की कमेटी सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को गतिरोध के समाधान के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। प्रस्तावित समिति के एक प्रमुख सदस्य ने खुद को इससे अलग कर लिया। किसान संघ कहते रहे हैं कि वे सरकार के साथ निर्धारित वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि वे अदालत द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं और उन्होंने इसके सदस्यों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने कहा था कि वह चार सदस्यीय समिति से खुद को अलग कर रहे हैं। किसान संघों और विपक्षी दलों ने इसे 'सरकार समर्थक समिति' करार दिया और कहा है कि इसके सदस्य पहले इन तीन कानूनों के पक्ष में रहे हैं।
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